2028 तक 50 फीसदी तक बढ़ेगी भारत में अमीरों की संख्या, लग्जरी लाइफस्टाइल में जापान भी छूटेगा पीछे, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Published on: 01 Jun 2025 | Author: Garima Singh
McKinsey & Company and BOF Report: मैकिन्से एंड कंपनी और BOF की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ वाले व्यक्तियों (UHNWI) की संख्या में 2023 से 2028 तक 50 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. ये वृद्धि वैश्विक स्तर पर सबसे तेज वृद्धि दर है. इस दौरान भारत का लक्जरी बाजार भी 2025 तक 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ तेजी से बढ़ने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि 'जियो वर्ल्ड प्लाजा' और 'गैलरीज लाफायेट' जैसे नए लक्जरी मॉल और डिपार्टमेंट स्टोर टियर-वन शहरों में लक्जरी रियल एस्टेट को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके अलावा, 700,000 रुपये (8,400 अमेरिकी डॉलर) से अधिक मूल्य के आयातित सामानों पर बढ़े हुए करों से घरेलू खर्च को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है. हालांकि, लक्जरी सामानों पर 28 प्रतिशत का उच्च घरेलू माल और सेवा कर (GST) इस क्षेत्र के लिए चुनौती बना हुआ है.
जापान के मुकाबले भारत की आर्थिक प्रगति
जापान के लक्जरी बाजार में 2025 में 6 से 10 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो ठोस घरेलू मांग और पर्यटन खर्च से प्रेरित होगी. फिर भी, भारत ने हाल ही में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का स्थान हासिल किया है. नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गई है।” अप्रैल में जारी आईएमएफ की विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में भारत की नाममात्र जीडीपी 4.187 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो जापान की अनुमानित 4.186 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी से थोड़ा अधिक है.
लक्जरी उद्योग: अवसर और चुनौतियां
पिछले पांच वर्षों में लक्जरी उद्योग ने असाधारण मूल्य सृजन का अनुभव किया है. 2019 से 2023 तक, फैशन, हैंडबैग, घड़ियां और आभूषण जैसे व्यक्तिगत विलासिता सामानों की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई, जिससे उद्योग ने 5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर हासिल की. हालांकि, 2025 में लक्जरी उद्योग को मंदी का सामना करना पड़ रहा है, जिसने प्रमुख ब्रांडों को भी प्रभावित किया है. मैक्रोइकॉनोमिक चुनौतियाँ, विशेष रूप से चीन के बाजार में, जो 2019 से 2023 तक 18 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़ा, इस क्षेत्र पर भारी पड़ रही हैं.
कैसा रहेगा भविष्य में भारत का लक्जरी बाजार
भारत का लक्जरी बाजार और आर्थिक प्रगति इसे वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में स्थापित कर रही है. जापान जैसे परिपक्व बाजारों के मुकाबले भारत की तेज वृद्धि और बढ़ती UHNWI आबादी इसे लक्जरी ब्रांडों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती है. हालांकि, उच्च कर और वैश्विक आर्थिक चुनौतियाँ इस विकास को प्रभावित कर सकती हैं.