Stock Market: शेयर बाजार को रास आया RBI का तोहफा, सुस्त पड़े बाजार ने मारा यू-टर्न, तूफानी तेजी के साथ 82,000 के पार पहुंचा सेंसेक्स

Published on: 06 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Repo Rate Cut: भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन मामूली गिरावट के साथ शुरुआत की थी, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों ने बाजार में नई जान फूंक दी. RBI ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की बंपर कटौती का ऐलान किया, जिसके बाद सेंसेक्स और निफ्टी ने तूफानी रफ्तार पकड़ ली. इसके साथ ही, FY26 के लिए महंगाई दर में कमी और GDP वृद्धि को लेकर सकारात्मक अनुमान ने निवेशकों का उत्साह दोगुना कर दिया.
शुक्रवार की सुबह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स अपने पिछले बंद 81,442.04 की तुलना में मामूली गिरावट के साथ 81,434.24 पर खुला. लेकिन सुबह 10 बजे RBI गवर्नर के रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट कटौती के ऐलान ने बाजार को नई दिशा दी. सेंसेक्स ने 710 अंकों की तेजी के साथ 82,165 पर कारोबार शुरू किया और दोपहर 12 बजे तक यह 850 अंकों की उछाल के साथ 82,299 पर पहुंच गया.
निफ्टी ने फिर पार किया 25,000 का आंकड़ा
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी इस तेजी से अछूता नहीं रहा. अपने पिछले बंद 24,750.90 की तुलना में 24,748.70 पर खुलने वाला निफ्टी, RBI के ऐलान के बाद 230 अंकों की उछाल के साथ 24,982 पर पहुंचा। दोपहर 12 बजे तक यह 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया, जिसने निवेशकों में जबरदस्त उत्साह भरा.
रेपो रेट में कटौती: EMI में राहत
RBI की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.50% कर दिया. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसे आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला कदम बताया. उन्होंने कहा, “भारत लगातार निवेश के लिए पसंदीदा गंतव्य बन रहा है.” इस कटौती से होम और ऑटो लोन लेने वाले ग्राहकों की EMI में कमी आएगी. यह इस साल की तीसरी रेपो रेट कटौती है, इससे पहले फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी.
CRR में कमी और आर्थिक विकास का अनुमान
RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को 4% से 100 बेसिस पॉइंट घटाकर 3% कर दिया. गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 691.5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. साथ ही, FY26 के लिए महंगाई दर का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया गया है, जो आर्थिक स्थिरता का संकेत है.