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हायर एजुकेशन के लिए भारतीय छात्रों की पहली पसंद अमेरिका और ब्रिटेन नहीं, जानिए किस देश ने मारी बाजी और क्यों

हायर एजुकेशन के लिए भारतीय छात्रों की पहली पसंद अमेरिका और ब्रिटेन नहीं, जानिए किस देश ने मारी बाजी और क्यों

Published on: 01 Jun 2025 | Author: Reepu Kumari

विदेश जाकर पढ़ाई करना कई भारतीयों का सपना है. पहले अमेरिका और जर्मी जैसे देश छात्रों की पहली पसंद थे. लेकिन अब छात्र किसी और देश की ओर रुख कर रहे हैं. इसके पीछे की खई वजह हैं. आज हम आपको उसी के बारे में बता रहे हैं. अमेरिका और यूके अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए फेमस जगह है. लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. किसी दूसरे जगह को चुनने की संख्या लगातार बढ़ रही है.

एक्सपर्ट की और आगे भी बढ़ने की उम्मीद है. कई छात्र अन्य देशों को चुन रहे हैं जो कई अतिरिक्त लाभों के साथ-साथ शिक्षा की तुलनीय गुणवत्ता प्रदान करते हैं.

अन्य देशों को क्यों पसंद कर रहे छात्र?

कम ट्यूशन फीस: जर्मनी, कनाडा, आयरलैंड और नीदरलैंड जैसे विभिन्न देश शून्य से लेकर बहुत कम ट्यूशन फीस की पेशकश करते हैं.
रहने का खर्च: अमेरिका और ब्रिटेन के कई शहर रहने के खर्च के लिए जाने जाते हैं, जैसे कि न्यूयॉर्क में रहने का किराया बहुत ज़्यादा है, जिससे छात्रों के लिए वहां रहना मुश्किल हो जाता है. जर्मनी और आयरलैंड जैसे दूसरे देश इन देशों की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ते हैं, इसलिए यहाँ अंतरराष्ट्रीय छात्र आते हैं.

अध्ययन के बाद कार्य के अवसर: ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा जैसे देशों में अध्ययन के बाद कार्य वीज़ा के अनुकूल विकल्प उपलब्ध हैं, जो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कार्य अनुभव चाहने वाले छात्रों के लिए आकर्षक बनाते हैं.

आसान वीजा प्रोसेस: छात्र तेजी से ऐसे स्थानों की ओर आकर्षित हो रहे हैं जहां वीज़ा और आव्रजन नीतियां कम प्रतिबंधात्मक और अधिक पारदर्शी हैं.

अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा छात्र पढ़ाई के लिए इन शीर्ष देशों को पसंद कर रहे हैं.

जर्मनी: जर्मनी को अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा अपने सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना ट्यूशन-मुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए अत्यधिक पसंद किया जाता है . म्यूनिख की तकनीकी विश्वविद्यालय (TUM), म्यूनिख की लुडविग मैक्सिमिलियन विश्वविद्यालय (LMU म्यूनिख), बर्लिन की हम्बोल्ट विश्वविद्यालय और बॉन विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय छात्रों से शून्य ट्यूशन-फीस लेते हैं.

कनाडा: कनाडा को बहुत से छात्र अपनी कम ट्यूशन फीस, सांस्कृतिक विविधता और काम के अवसरों के कारण पसंद करते हैं. हाल ही में, कनाडा ने अपनी नीति में बदलाव किया है, जिसके तहत पात्र वर्क परमिट धारकों को बिना स्टडी परमिट के अध्ययन करने की अनुमति दी गई है.

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड: दोनों देशों को अंतर्राष्ट्रीय छात्रों द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि वे विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय और पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं, विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में.

आयरलैंड: आयरलैंड अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अध्ययन के बाद काम करने के कई विकल्प प्रदान करता है, जिससे उन्हें थर्ड लेवल ग्रेजुएट स्कीम के तहत दो साल तक रहने का अधिकार मिलता है. आयरलैंड अपने सुरक्षित वातावरण के लिए भी जाना जाता है.

नीदरलैंड: नीदरलैंड अपनी मजबूत शैक्षिक प्रणाली, बहुसांस्कृतिक वातावरण और रहने की सस्ती लागत के कारण अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है.

छात्रों को वहां अध्ययन करने से पहले देशों की सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे वहां के शैक्षणिक और सांस्कृतिक मूल्यों से मेल खाते हों.

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