हिंदू मंदिर के पास मांस फेंकने पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा, असम सीएम ने दिए देखते ही गोली मारने के आदेश

Published on: 13 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
असम के धुबरी शहर में एक हिंदू मंदिर के पास कथित तौर पर मांस फेंके जाने की घटना के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है. इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए असम सरकार ने रात के समय ‘शूट-एट-साइट’ आदेश जारी किए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार (13 जून) को कहा, “धुबरी में एक सांप्रदायिक समूह शांति भंग करने के लिए सक्रिय है. मैंने रात में शूट-एट-साइट आदेश जारी किए हैं. यदि कोई पत्थर फेंकता है और पुलिस को उनके कार्यों पर संदेह होता है, तो वे गोली चलाएंगे.”
तनाव की कब हुई शुरुआत
दरअसल, धुबरी में तनाव रविवार को उस समय भड़क उठा, जब ईद-उल-अज़हा के एक दिन बाद हनुमान मंदिर के पास कथित तौर पर एक मवेशी का सिर पाया गया. इस घटना के बाद शहर में तनाव फैल गया. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को तैनात किया गया है. सोमवार को इस घटना के विरोध में प्रदर्शन भी हुए.
CM सरमा ने दिया कठोर कार्रवाई का निर्देश
मुख्यमंत्री सरमा ने धुबरी का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मैंने धुबरी का दौरा किया और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दिया कि हमारे मंदिरों, नामघरों और पवित्र स्थानों को अपवित्र करने वाले तत्वों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता अपनाई जाए. शहर के हनुमान मंदिर में गोमांस फेंकने की घटना कभी नहीं होनी चाहिए थी, और इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.” इस घटना के बाद सड़क किनारे के विक्रेताओं और ई-रिक्शा चालकों पर भीड़ के हमलों की खबरें आईं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू की.
‘बीफ माफिया’ पर CM के आदेश पर कसी जाएगी नकेल
असम के सीएम सरमा ने कहा, “हम जिले में कानून-व्यवस्था लागू करने और सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. धुबरी में एक नया बीफ माफिया उभरा है, जिसने ईद से ठीक पहले हजारों जानवर खरीदे. जांच चल रही है और दोषियों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा.” उन्होंने बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रमों को भी इस तनाव से जोड़ा, जिसमें “चरमपंथी तत्व” सोशल मीडिया और जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं.
दोबारा उकसावे की घटना
मुख्यमंत्री ने बताया, “धुबरी की घटनाएं निंदनीय और घृणित हैं. पहले दिन हनुमान मंदिर में एक मवेशी का सिर रखा गया. क्षेत्र में शांति समिति के गठन के बावजूद, उसी मंदिर में फिर से एक मवेशी का सिर रखा गया.” इस तरह की उकसावे वाली कार्रवाइयों ने स्थानीय समुदायों में आक्रोश बढ़ा दिया है.