Ahemdabad Plane Crash: Air India क्रैश की जांच में मिला बड़ा सुराग, ब्लैक बॉक्स का अहम हिस्सा बरामद; खुल सकते हैं कई राज!

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Anvi Shukla
Ahemdabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरते ही लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान AI 171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) के दुर्घटनाग्रस्त होने से देश में शोक है. इस भयावह हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोग और जमीन पर मौजूद 29 लोग, जिनमें 5 एमबीबीएस छात्र भी शामिल थे, मारे गए थे. अब इस दुखद घटना की जांच में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है.
रविवार को अधिकारियों ने पुष्टि की कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है. इससे पहले केवल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) मिलने की पुष्टि हुई थी. अब दोनों ‘ब्लैक बॉक्स’ सुरक्षित रूप से मिल चुके हैं, जिससे जांच में बेहद अहम सुराग मिलने की संभावना है.
CVR क्यों है इतना जरूरी?
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर किसी भी विमान दुर्घटना की जांच में सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक होता है. यह डिवाइस उड़ान के अंतिम क्षणों के दौरान पायलट और को-पायलट की बातचीत, अलार्म की आवाजें, इंजन की ध्वनियां और रेडियो कम्युनिकेशन जैसी तमाम आवाजें रिकॉर्ड करता है. इससे यह समझने में मदद मिलती है कि हादसे से ठीक पहले कॉकपिट में क्या घटित हो रहा था.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है जांच
चूंकि यह विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग का बना था, इसलिए भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के साथ-साथ अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत समांतर जांच कर रही है. अधिकारियों के अनुसार, 'फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर दोनों को सुरक्षित किया जा चुका है.'
ब्लैक बॉक्स की अहम भूमिका
'ब्लैक बॉक्स' दरअसल दो उपकरणों—CVR और FDR—से मिलकर बनता है. जहां CVR आवाजें रिकॉर्ड करता है, वहीं FDR उड़ान की तकनीकी जानकारियां जैसे स्पीड, ऊंचाई, इंजन की स्थिति और पायलट की नियंत्रण क्रियाएं दर्ज करता है. दोनों मिलकर यह समझने में मदद करते हैं कि दुर्घटना क्यों और कैसे हुई.