'मेक इन इंडिया महज असेम्बल इन इंडिया', राहुल गांधी ने उठाए सरकार की नीति पर सवाल

Published on: 19 Jul 2025 | Author: Garima Singh
Rahul Gandhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' पहल को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने इस पहल को 'महज असेंबलिंग' करार देते हुए कहा कि यह भारत को विनिर्माण शक्ति बनाने में विफल रही है. राहुल ने जमीनी स्तर पर ठोस नीतिगत बदलावों की मांग की, ताकि भारत न केवल असेंबली लाइन तक सीमित रहे, बल्कि एक सच्चा विनिर्माण केंद्र बन सके.'
राहुल गांधी ने शनिवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर हिंदी में एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "जब तक भारत उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं हो जाता, तब तक नौकरियों, विकास और 'मेक इन इंडिया' की बातें महज भाषण ही रहेंगी." उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को असेंबली लाइन से आगे बढ़कर एक ऐसी विनिर्माण शक्ति बनना होगा, जो वैश्विक स्तर पर चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके. गांधी ने तंज कसते हुए पूछा, "क्या आप जानते हैं कि भारत में बनने वाले ज़्यादातर टीवी के 80 प्रतिशत पुर्ज़े चीन से आते हैं?" उन्होंने 'मेक इन इंडिया' को 'असेम्बल इन इंडिया' की संज्ञा दी और कहा कि स्मार्टफोन से लेकर टेलीविजन तक, अधिकांश उत्पादों के पुर्जे विदेशों से आयात किए जाते हैं, और भारत में केवल उनकी असेंबलिंग होती है. यह स्थिति भारत को आत्मनिर्भर बनाने के बजाय विदेशी आपूर्ति पर निर्भरता को बढ़ा रही है.
छोटे उद्यमियों की अनसुनी आवाज
राहुल गांधी ने छोटे और मध्यम उद्यमियों की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि ये उद्यमी विनिर्माण क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन न तो उनके लिए कोई स्पष्ट नीति है और न ही समुचित सरकारी समर्थन. इसके उलट, भारी कर और कुछ चुनिंदा कॉर्पोरेट्स का एकाधिकार छोटे उद्यमियों के लिए चुनौतियां बढ़ा रहा है. गांधी ने कहा, "भारी कर और चुनिंदा कॉर्पोरेट्स का एकाधिकार - जिसने देश के उद्योग को जकड़ रखा है."
ग्रेटर नोएडा की टीवी इकाई का दौरा
अपने दावों को और मजबूत करने के लिए, गांधी ने ग्रेटर नोएडा में एक स्थानीय टीवी असेंबलिंग इकाई के दौरे का 7 मिनट का एक वीडियो साझा किया. इस वीडियो में उन्होंने वहां के कर्मचारियों और उद्यमियों से बातचीत की. उन्होंने इस दौरान एक बड़ी कंपनी के एकाधिकार के कारण मार्जिन में कमी की समस्या पर भी चर्चा की. वीडियो में गांधी को यह कहते सुना जा सकता है कि "'मेक इन इंडिया' वास्तव में 'असेम्बल इन इंडिया' है."
आत्मनिर्भर भारत का रास्ता
राहुल गांधी ने अपनी बात को समेटते हुए जोर दिया कि भारत को विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतिगत सुधारों की जरूरत है. उन्होंने सरकार से छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन देने, करों में राहत देने और कॉर्पोरेट एकाधिकार को तोड़ने की मांग की. उनका मानना है कि बिना इन सुधारों के 'मेक इन इंडिया' केवल एक नारा बनकर रह जाएगा.