कांग्रेस ने उठाए विदेश नीति पर सवाल, संबंध मजबूत करने साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा पर निकले पीएम मोदी

Published on: 15 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (15 जून) को कहा कि उनकी साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की तीन देशों की यात्रा व्यापार, निवेश और सुरक्षा के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करेगी और सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक समझ को प्रोत्साहित करेगी. इस यात्रा पर खास ध्यान दिया जा रहा है, क्योंकि कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ पहली मुलाकात होगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पक्ष ने इस मुलाकात को 2023 में एक खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या को लेकर लंबे समय से चले आ रहे कूटनीतिक विवाद के बाद संबंधों को पुनर्जनन का अवसर बताया है.
साइप्रस: ऐतिहासिक संबंधों को नया आयाम
मोदी रविवार दोपहर साइप्रस पहुंचे, जहां वह 23 साल बाद इस भूमध्यसागरीय देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने. साइप्रस की यात्रा का निर्णय पिछले महीने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान तुर्की के पाकिस्तान समर्थन से प्रभावित हुआ. तुर्की उत्तरी साइप्रस को मान्यता देता है, जबकि भारत ने साइप्रस गणराज्य के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे हैं.
नई दिल्ली से रवाना होने से पहले जारी बयान में मोदी ने कहा, "यह यात्रा ऐतिहासिक बंधनों को मजबूत करने और व्यापार, निवेश, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और जन-जन के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करती है. साइप्रस की राजधानी निकोसिया में वह राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडॉलिडेस के साथ वार्ता करेंगे और लिमासोल में व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे.
कनाडा: जी7 शिखर सम्मेलन और संबंधों में सुधार
सोमवार को मोदी साइप्रस से कनाडा के कनानास्किस पहुंचेंगे, जहां वे 17 जून को जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेंगे. उन्होंने कहा, "यह शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श का मंच प्रदान करेगा." कनाडा में यह उनकी एक दशक बाद पहली यात्रा होगी. भारत-कनाडा संबंध पिछले दो वर्षों में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर बिगड़े थे. सितंबर 2023 में तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर हत्या का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने "बेतुका" बताकर खारिज कर दिया। भारत ने कनाडा पर अलगाववादियों और कट्टरपंथियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया.
क्रोएशिया: नए द्विपक्षीय अवसर
18 जून को मोदी क्रोएशिया जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति जोरान मिलानोविक और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेनकोविक से मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा, "दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं. एक भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा के रूप में, यह आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के नए रास्ते खोलेगी." यह यात्रा भारत और क्रोएशिया के बीच संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी.
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता
पीएम मोदी ने इस यात्रा को सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष में सहयोगी देशों का आभार व्यक्त करने और सभी रूपों में आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक समझ को मजबूत करने का अवसर बताया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और कार्नी की मुलाकात "पारस्परिक सम्मान, साझा हितों और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता" के आधार पर भारत-कनाडा संबंधों को पुनर्जनन का अवसर देगी.
भारत-कनाडा संबंधों में प्रगति
मार्च 14 को कार्नी के नियुक्त होने के बाद दोनों देशों के नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच संपर्क बढ़ा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया सलाहकार, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस, और कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा के बीच बैठकें हुई हैं. 6 जून को मोदी और कार्नी की पहली फोन वार्ता हुई, जिसमें मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन का निमंत्रण स्वीकार किया. दोनों देश अब एक-दूसरे की राजधानियों में नए दूत नियुक्त करने के करीब हैं.