'आज भी सताता है डर...', आतंकवादी मसूद अजहर ने जम्मू जेल से भागने की नाकाम कोशिश पर हुई पिटाई को किया याद
Published on: 14 Dec 2025 | Author: Km Jaya
नई दिल्ली: पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने जम्मू कश्मीर की जेल से भागने की नाकाम कोशिश और उसके बाद मिली सख्त सजा को लेकर बड़ा खुलासा किया है. एक ऑडियो क्लिप में मसूद अजहर खुद स्वीकार करता सुना गया है कि 1990 के दशक में उसने जम्मू क्षेत्र की कोट भलवाल जेल से सुरंग बनाकर फरार होने की योजना बनाई थी लेकिन यह कोशिश पूरी तरह नाकाम रही.
यह ऑडियो कथित तौर पर पाकिस्तान में किसी कार्यक्रम के दौरान रिकॉर्ड हुआ है. खुफिया सूत्रों ने इस ऑडियो क्लिप की पुष्टि की है. इसमें मसूद अजहर भावुक होते हुए अपनी नाकाम योजना का जिक्र करता है. वह बताता है कि उसने लंबे समय तक जेल में रहते हुए चोरी छिपे सुरंग खोदी थी और फरार होने की तारीख भी तय कर ली थी. लेकिन ठीक उसी दिन जेल प्रशासन को उसकी साजिश का पता चल गया.
पकड़े जाने पर क्या हुआ?
मसूद अजहर के अनुसार सुरंग पकड़े जाने के बाद उसे और अन्य आतंकियों को कड़ी सजा दी गई. उसने कहा कि जेल अधिकारियों ने उसकी जमकर पिटाई की और आज भी वह उस सजा को याद कर डर महसूस करता है. ऑडियो में वह यह भी कहता है कि इसके बाद जेल में नियम बेहद सख्त कर दिए गए. उसे जंजीरों में बांधा गया और रोजमर्रा की गतिविधियों पर भी भारी पाबंदियां लगा दी गईं.
किस जेल में किया गया कैद?
कोट भलवाल जेल को जम्मू कश्मीर की सबसे सुरक्षित जेलों में गिना जाता है जहां भारत ने कई कुख्यात आतंकियों को बंद रखा था. मसूद अजहर भी इन्हीं में से एक था. वह 1994 में फर्जी पहचान और पुर्तगाली पासपोर्ट के जरिए भारत आया था. उसका मकसद जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाना और युवाओं की भर्ती करना था. उसी साल अनंतनाग से उसकी गिरफ्तारी हुई थी.
कब से कब रहा कैद?
मसूद अजहर 1994 से 1999 तक भारतीय जेल में रहा. इस दौरान उसे छुड़ाने की कई कोशिशें की गईं लेकिन सभी नाकाम रहीं. दिसंबर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी 814 के अपहरण के बाद भारत सरकार ने यात्रियों की रिहाई के बदले उसे छोड़ दिया. रिहाई के बाद उसने जैश ए मोहम्मद संगठन की स्थापना की.
किन-किन आतंकी हमलों में रहा शामिल?
इसके बाद मसूद अजहर संसद हमले, मुंबई हमले और पुलवामा जैसे कई बड़े आतंकी हमलों से जुड़ा रहा. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में हुए हमलों में उसके परिवार के कई सदस्य और करीबी आतंकी मारे गए थे. यह ऑडियो क्लिप एक बार फिर पाकिस्तान में आतंक को मिल रहे संरक्षण पर सवाल खड़े करती है.