बुल्सआई स्ट्राइक! ट्रंप ने ईरान के परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचने का किया दावा

Published on: 23 Jun 2025 | Author: Gyanendra Sharma
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को दोहराया कि अमेरिकी सेना ने रविवार तड़के ईरान के परमाणु ठिकानों पर गहरा और विनाशकारी हमला किया जिसे उन्होंने बुल्सआई हमला बताया है. इन हमलों में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों फोर्डो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाया गया.
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर लिखा, ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया, जैसा कि उपग्रह चित्रों में दिखाई देता है. विनाश' शब्द इसकी सटीकता को दर्शाता है! सफेद संरचना, जो चट्टानों में गहराई तक बनी है और उसका छत भी जमीन से काफी नीचे है आग से पूरी तरह सुरक्षित थी. सबसे बड़ा नुकसान जमीन के नीचे गहराई में हुआ. बुल्सआई!
6 बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों से हमला
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इस ऑपरेशन में छह बी-2 स्टील्थ बमवर्षक विमानों ने फोर्डो परमाणु केंद्र पर बारह 30,000 पाउंड के "बंकर बस्टर" बम गिराए, जो गहराई तक बने परमाणु ढांचों को नष्ट करने में सक्षम हैं. इसके अलावा अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बियों ने नतांज और इस्फहान पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं. यह ऑपरेशन, जिसे "मिडनाइट हैमर" नाम दिया गया अमेरिकी सेना का अब तक का सबसे बड़ा बी-2 हमला माना जा रहा है.
अमेरिकी संयुक्त सेना प्रमुख जनरल डैन केन ने बताया कि इस ऑपरेशन में 125 विमानों ने हिस्सा लिया, जिसमें सात बी-2 बमवर्षक शामिल थे. हमले में कई भ्रामक रणनीतियों का भी उपयोग किया गया, जिसमें डिकॉय (नकली लक्ष्य) और लड़ाकू विमानों द्वारा हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करना शामिल था.
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन ने रविवार को एक बयान में कहा कि हमले के बावजूद उनके परमाणु केंद्रों में कोई रेडियोधर्मी रिसाव नहीं हुआ और न ही आसपास के निवासियों के लिए कोई खतरा है. संगठन ने इन हमलों को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और जंगल के नियम पर आधारित बताया साथ ही यह वादा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम निर्बाध रूप से जारी रहेगा.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने हमलों की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और गैर-परमाणु प्रसार संधि (एनपीटी) का उल्लंघन किया है. उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए सभी विकल्पों का उपयोग करने का अधिकार रखता है.