चीन ने शुरू कर दिया अरुणाचल के पास दुनिया के सबसे बड़े बांध का प्रोजेक्ट, भारत पर क्या होगा असर?

Published on: 19 Jul 2025 | Author: Kuldeep Sharma
चीन ने दक्षिण-पूर्वी तिब्बत के निंगची क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध के निर्माण की शुरुआत कर दी है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा बांध बताया जा रहा है. दिसंबर में इस परियोजना को आधिकारिक मंजूरी मिली थी और चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने शिलान्यास कार्यक्रम में शिरकत की थी. चीन इसे अपनी ऊर्जा ज़रूरतों और जलवायु लक्ष्यों की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहा है, जबकि भारत ने इस पर चिंता जताई है.
सरकारी मीडिया शिन्हुआ के अनुसार, यह मेगा डैम न केवल तिब्बत की बिजली जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि बाकी क्षेत्रों में भी बिजली की आपूर्ति करेगा. इस बांध से चीन को अपने कार्बन तटस्थता के लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी. ब्रह्मपुत्र नदी पर बनने वाला यह बांध थ्री गॉर्जेस डैम से भी बड़ा होगा, जो अभी तक दुनिया का सबसे बड़ा बांध माना जाता है. यह परियोजना चीन के दीर्घकालिक ऊर्जा और विकास रणनीति का हिस्सा है.
भारत और बांग्लादेश के लिए चिंता की वजह
ब्रह्मपुत्र नदी भारत और बांग्लादेश के लिए भी एक अहम जल स्रोत है. चीन द्वारा इस नदी पर बांध बनाए जाने से दोनों देशों में जल प्रवाह और पारिस्थितिकी तंत्र के प्रभावित होने की आशंका है. भारत ने पहले ही इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की थी और इसे लेकर कूटनीतिक स्तर पर अपनी बात रखी थी. विशेषज्ञों का मानना है कि बांध बनने से ब्रह्मपुत्र के नीचे के हिस्सों में पानी की उपलब्धता पर असर पड़ सकता है.
चीन की सफाई और बांध की तकनीकी जानकारी
चीन का कहना है कि इस परियोजना से निचले इलाकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा और वह पारदर्शिता के साथ इस पर काम करेगा. बांध में 5 बड़े जलविद्युत स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे अत्यधिक मात्रा में बिजली का उत्पादन संभव होगा. यह बांध भारत की अरुणाचल प्रदेश सीमा के पास स्थित निंगची शहर में बनाया जा रहा है, जो सामरिक दृष्टि से भी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. निर्माण कार्य शिलान्यास कार्यक्रम के बाद औपचारिक रूप से शुरू कर दिया गया है.