अमेरिका में भारतीय छात्रा के साथ डिजिटल घोटाला, इमिग्रेशन पॉलिसी को लेकर ICE अधिकारी बन ठगे हजारों डॉलर

Published on: 08 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Student visa Immigration: अमेरिका में एक भारतीय छात्रा को इमिग्रेशन और बॉर्डर टैरिफ प्रवर्तन (ICE) अधिकारी बनकर ठगने वाले जालसाजों ने हजारों डॉलर की ठगी की है. यह घटना तब हुई, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में आव्रजन नीतियों को सख्ती से लागू किया जा रहा था. इस दौरान, ICE के नाम पर डिजिटल घोटालों की घटनाएं भी सामने आई हैं।
न्यूजवीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रेया बेदी, जो 2022 में एफ-1 वीजा पर इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन में मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन में मास्टर डिग्री के लिए भारत से अमेरिका आई थीं, इस घोटाले का शिकार हुईं. 29 मई को उन्हें एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को ICE अधिकारी बताकर उन्हें धमकाया कि वह आव्रजन कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं. श्रेया ने बताया, "मैं पूरी तरह से डरी हुई थी और पूरे समय रोती रही."
जालसाजों का चालाकी भरा जाल
घोटालेबाज ने श्रेया को बताया कि उन्होंने अपना इमिग्रेशन नंबर दर्ज नहीं किया, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी और निर्वासन का खतरा है. कॉलर ने अपना नाम और बैज नंबर देकर विश्वास जीता और ice.gov वेबसाइट पर मैरीलैंड कार्यालय का विवरण सत्यापित करने को कहा.
श्रेया ने पुष्टि की कि कॉल उसी नंबर से थी
उन्होंने कहा, "उसने मुझे अपना नाम और बैज नंबर दिया और कहा कि मैं ice.gov पर जाकर मैरीलैंड स्थित कार्यालय के बारे में जानकारी प्राप्त कर उसके कार्यालय का विवरण सत्यापित करूं।
जालसाजों ने श्रेया को तीन घंटे तक फोन पर बांधे रखा, यह धमकी देते हुए कि फोन काटने या किसी से संपर्क करने पर स्थिति और बिगड़ जाएगी. एक अन्य कॉलर, जो खुद को ओलंपिया पुलिस विभाग का अधिकारी बता रहा था, ने दावा किया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है.
श्रेया ने कहा, "मुझे पूरी तरह से फंसा हुआ महसूस हुआ, क्योंकि उन्होंने मुझे लगातार तीन घंटे तक फोन पर रखा और बार-बार चेतावनी दी कि फोन रखना या किसी से संपर्क करना मेरे मामले का उल्लंघन होगा और हालात और खराब हो जाएंगे. मैं यह जोखिम उठाने से बहुत डरती थी।"
ठगी का अंतिम चरण
जालसाजों ने श्रेया को टारगेट और ऐप्पल स्टोर से 5,000 डॉलर के गिफ्ट कार्ड खरीदने के लिए मजबूर किया और फोन पर कोड साझा करने का आदेश दिया. उन्हें बताया गया कि एक पुलिस अधिकारी कार्ड और बॉन्ड पेपर लेने आएगा, लेकिन कोई नहीं आया. घर लौटते समय श्रेया को शक हुआ और उन्होंने अपनी आपबीती एक दोस्त को बताई, जिसने सोशल मीडिया पर ऐसे ही घोटालों की पुष्टि की.
छात्रा की अपील और ICE की प्रतिक्रिया
श्रेया अब GoFundMe के जरिए धन जुटाने की कोशिश कर रही हैं और अन्य छात्रों को इस तरह के जाल में न फंसने की चेतावनी दे रही हैं. ICE के प्रवक्ता ने कहा, "ICE अपने अधिकारियों या एजेंटों के छद्मवेश में काम करने की कड़ी निंदा करता है.