क्या अमेरिका फिर दोहराएगा इराक जैसी गलती? वेनेजुएला पर मंडरा रहा हमले का खतरा; ट्रंप चल रहे जॉर्ज बुश वाली चाल
Published on: 16 Dec 2025 | Author: Km Jaya
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक नए फैसले ने वैश्विक राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. ट्रंप प्रशासन फेंटेनाइल और उसके कच्चे रसायनों को वेपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन यानी सामूहिक विनाश का हथियार घोषित करने जा रहा है. इस फैसले के बाद आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका वेनेजुएला के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का रास्ता अपना सकता है. विशेषज्ञ इस कदम की तुलना इराक युद्ध से पहले अपनाई गई रणनीति से कर रहे हैं.
सोमवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के दुश्मन जानबूझकर फेंटेनाइल की तस्करी कर रहे हैं ताकि अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाया जा सके. उन्होंने कहा कि यह जहर अमेरिका को कमजोर करने की साजिश का हिस्सा है. ट्रंप ने बताया कि वह एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करेंगे, जिसके तहत फेंटेनाइल को WMD की श्रेणी में रखा जाएगा.
ट्रंप प्रशासन का क्या है मकसद?
ट्रंप प्रशासन पहले ही ड्रग तस्करों और कार्टेल को नार्को आतंकवादी घोषित कर चुका है. कई लैटिन अमेरिकी ड्रग कार्टेल्स को विदेशी आतंकी संगठन की सूची में डाला गया है. प्रशासन का दावा है कि ये संगठन केवल मुनाफे के लिए नहीं बल्कि अमेरिका को अस्थिर करने के मकसद से काम कर रहे हैं. नए आदेश के तहत संघीय एजेंसियों को अवैध फेंटेनाइल और उसके प्रीकर्सर केमिकल्स को खत्म करने के लिए मिलकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएंगे.
क्या पहले भी अपनाई गई थी ये रणनीति?
हालांकि अमेरिकी कानून के अनुसार राष्ट्रपति अकेले WMD की कानूनी परिभाषा नहीं बदल सकते. इसके बावजूद विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की भाषा राजनीतिक और सैन्य हस्तक्षेप का आधार बना सकती है. यही रणनीति साल 2003 में इराक युद्ध से पहले भी अपनाई गई थी, जब सद्दाम हुसैन पर सामूहिक विनाश के हथियार रखने का आरोप लगाया गया था.
ट्रंप ने क्या दी चेतावनी?
फेंटेनाइल को लेकर अमेरिका पहले ही मैक्सिको और चीन पर दबाव बढ़ा चुका है. टैरिफ बढ़ाने और समुद्री इलाकों में सैन्य कार्रवाई जैसे कदम उठाए गए हैं. मानवाधिकार संगठनों ने इन कार्रवाइयों पर सवाल भी खड़े किए हैं. इसी बीच ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अमेरिका वेनेजुएला में जमीन पर भी कार्रवाई कर सकता है.
अमेरिका के विशेषज्ञ जॉन वॉल्श ने क्या कहा?
लैटिन अमेरिका के जानकार विशेषज्ञ इस दावे को खारिज कर रहे हैं. वॉशिंगटन ऑफिस ऑन लैटिन अमेरिका के विशेषज्ञ जॉन वॉल्श ने कहा कि वेनेजुएला या दक्षिण अमेरिका फेंटेनाइल का मुख्य स्रोत नहीं है. आलोचकों का मानना है कि इस तरह की नीति से अमेरिका और वेनेजुएला के बीच टकराव बढ़ सकता है और इतिहास खुद को दोहरा सकता है.