Iran-Israel War: ईरान ने सीरिया में लिया अमेरिका से बदला, परमाणु ठिकानों पर हमले के 36 घंटे बाद US एयरबेस पर ताबड़तोड़ फायरिंग

Published on: 23 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Iran-Israel War: मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. स्थानीय मीडिया सूत्रों के अनुसार, ईरान ने सोमवार को सीरिया में स्थित एक अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमला किया. यह हमला अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बमबारी के एक दिन बाद हुआ. हालांकि, इस हमले की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
रविवार को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों फोर्डो, नतांज़, और इस्फ़हान पर सैन्य अभियान चलाया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने "अत्यंत सफल" बताया. ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "मैं ईरान में हमारे बेहद सफल सैन्य अभियान के बारे में व्हाइट हाउस में रात 10 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन दूंगा. यह संयुक्त राज्य अमेरिका, इजरायल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए. धन्यवाद!" फोर्डो और नतांज़ ईरान की प्रमुख यूरेनियम संवर्धन सुविधाएं हैं, जबकि इस्फ़हान में हथियार-स्तर के यूरेनियम भंडार होने की आशंका जताई जाती है. इस सप्ताह की शुरुआत में इजरायल ने भी नतांज़ पर हमला किया था.
संयुक्त राष्ट्र में तीखी बहस
हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में अमेरिका और ईरान के बीच तीखी नोकझोंक हुई. ईरान के दूत आमिर सईद इरावानी ने अमेरिकी हमलों को "घोर अपराध" करार देते हुए कहा, "अमेरिका ने कूटनीति को नष्ट करने का निर्णय लिया है." उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वे ट्रम्प को 13 जून को शुरू हुए संघर्ष में घसीट रहे हैं, जब इजरायल ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया था. इरावानी ने चेतावनी दी कि ईरान की सशस्त्र सेनाएं जवाबी कार्रवाई का समय और स्वरूप तय करेंगी.
सीरिया में हमले का प्रभाव
ईरान के कथित हमले में अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है. यह हमला मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव का एक और संकेत है, जहां इजरायल और अमेरिका के खिलाफ ईरान की जवाबी कार्रवाई ने क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल दिया है.
इजरायल का 'ऑपरेशन राइजिंग लायन'
13 जून को इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाते हुए 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' शुरू किया था. इस ऑपरेशन ने दोनों देशों के बीच तनाव को और भड़का दिया, जिसके बाद अमेरिका भी इस संघर्ष में शामिल हो गया.