Iran-Israel Conflict: 'इज़रायल पर दबाव बनाए भारत...', ईरानी उप-राजदूत ने इंडिया से की अपील, पाकिस्तान के लिए कही ये बात
Published on: 20 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Iran-Israel Conflict: ईरान के उप-राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने इज़रायल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए भारत से उसकी खुली निंदा करने और दबाव बनाने की मांग की है. उन्होंने भारत को वैश्विक दक्षिण की आवाज़ और शांति समर्थक देश के रूप में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया. यह बयान ऐसे समय में आया है जब मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है.
हुसैनी ने कहा, "अगर अक्टूबर में इज़रायल द्वारा हमास के खिलाफ शुरू किए गए हमलों की वैश्विक स्तर पर तीखी निंदा की गई होती, तो वह कभी भी ईरान जैसे संप्रभु देश पर हमला करने की हिम्मत नहीं करता." उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत जैसे प्रभावशाली देश को इज़रायल की नीतियों की आलोचना कर क्षेत्रीय शांति को बढ़ावा देना चाहिए. यह बयान न केवल इज़रायल की सैन्य कार्रवाइयों पर सवाल उठाता है, बल्कि वैश्विक समुदाय से एकजुट होकर जवाब देने की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है.
#WATCH | Delhi | Iranian Deputy Chief of Mission in India Mohammad Javad Hosseini says, "... Nuclear weapons don't have any place in our defence strategy. We can defend ourselves. We don't need the nuclear weapons. All of these allegations (that Iran is enriching Uranium for… pic.twitter.com/8X9EBCZfCm
— ANI (@ANI) June 20, 2025
IAEA की निष्पक्षता पर उठे सवाल
हुसैनी ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "IAEA ने स्वयं स्वीकार किया था कि ईरान में कोई सैन्य परमाणु गतिविधि नहीं हो रही है. फिर भी, उसने इज़रायल का समर्थन करते हुए ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को हरी झंडी दिखाई." यह कथन IAEA की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है और वैश्विक संस्थानों की जवाबदेही की मांग करता है.
'परमाणु हथियार हमारी नीति का हिस्सा नहीं'
हुसैनी ने ईरान की रक्षा नीति को स्पष्ट करते हुए कहा, "हमारी रक्षा नीति में परमाणु हथियारों का कोई स्थान नहीं है. हमें अपनी सुरक्षा के लिए इनकी आवश्यकता नहीं है." उन्होंने ईरान पर यूरेनियम संवर्धन के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं और एक छिपे हुए एजेंडे को बढ़ावा देने की साजिश है." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ ताकतें खुलकर ईरान में शासन परिवर्तन की बात कर रही हैं, जो उनका असली मकसद प्रतीत होता है.
पाकिस्तान से एकजुटता की उम्मीद
पाकिस्तानी सेना प्रमुख की हालिया अमेरिका यात्रा के संदर्भ में एक पत्रकार के सवाल पर हुसैनी ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान किसी भी तरह से इज़रायल के हमलों में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति के लिए ईरान के साथ खड़ा होगा."
ईरान की गोपनीय क्षमताओं की चेतावनी
हुसैनी ने इज़रायल और उसके समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा, "हमारे पास कुछ ऐसी क्षमताएं हैं जो अभी तक सामने नहीं आई है. हमने उन्हें भविष्य के लिए सुरक्षित रखा है." उन्होंने क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही.