आखिरी ईरान की Fordow न्यूक्लियर साइट इतनी अहम क्यों? इजरायल कैसे कर सकता है नष्ट करने की कोशिश

Published on: 18 Jun 2025 | Author: Shilpa Srivastava
Iran Fordow Nuclear Program: ईरान और इजराइल के बीच लगातार तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है. ऐसे में एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या यह तनाव परमाणु संकट में बदल सकता है? बीते पांच दिनों में हालात और गंभीर हो गए हैं. इस दौरान इजरायल ने तेहरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है. विशेषज्ञ इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं कि अगर हालात और बिगड़े तो इसका परिणाम विनाशकारी हो सकता है. इन से के केंद्र में ईरान का सबसे प्राइवेट और सिक्योर्ड न्यूक्लियर प्लांट फोर्डो है.
अब सवाल यह भी आता है कि फोर्डो प्लांट इतनी जरूरी क्यों है? बता दें कि फोर्डो प्लांट कोम के पास एक पहाड़ के अंदर करीब 80 से 90 मीटर गहराई में स्थित है. इसकी बनावट भूमिगत है जिससे यह हवाई हमलों से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा. सिर्फ यही नहीं, इजराइल के सबसे पावरफुल बंकर को खत्म करने वाले बम भी इसे पूरी तरह से नष्ट नहीं कर सकते हैं. इसका खुलासा 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों द्वारा किया गया था. यह प्लांट युद्ध की स्थिति में भी सुरक्षित रह सकते हैं.
फोर्डो से जुड़ी ग्लोबल चिंता:
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के अनुसार, फोर्डो में 2700 सेंट्रीफ्यूज कार्यरत हैं और यह प्लांट 60% प्यूरिटी तक यूरेनियम बना रहा है जो 90% वेपन ग्रेड लेवल से बस एक कदम दूर है. 2023 में यहां 83.7% प्यूरिटी वाला यूरेनियम पाया गया था, जिससे दुनिया भर में चिंता बढ़ गई.
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वाली नसर ने कहा कि ईरानियों को पूरी तरह समझ आ रहा था कि इजराइल उनके प्रोग्राम में घुसने की कोशिश करेगा, इसलिए उन्होंने फोर्डो को एक पहाड़ के अंदर बनाया.
क्या इजराइल इसे लेकर कुछ कर सकता है?
इजराइल के पास अमेरिका जैसा GBU-57 बंकर बस्टर बम नहीं है, जिसे केवल अमेरिकी B-2 स्टील्थ बॉम्बर ले जा सकता है. अमेरिका ने यह बम इजराइल को देने से इनकार कर दिया है. यूएस सेंट्रल कमांड के पूर्व प्रमुख जनरल जोसेफ वोटेल का कहना है कि उन्होंने लंबे समय से यह नीति अपनाई है कि वो इजराइल को यह बम नहीं देंगे, क्योंकि हम नहीं चाहते कि वो इसका इस्तेमाल करें. हालांकि, इजरायल के पास भी कुछ ऑप्शन्स हैं, जैसे-
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बिजली सप्लाई ठप कर प्लांट को अस्थायी रूप से निष्क्रिय करना
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एंट्री गेट्स को निशाना बनाकर उपकरण और कर्मचारियों को फंसा देना
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विशेष बलों के जरिए अंदर घुसकर तोड़फोड़ करना
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हवाई दबदबा बनाकर संचालन बाधित करना
अब सवाल ये भी आता है कि क्या अमेरिका इसमें साथ देगा? अमेरिका ने भले ही क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हों, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कोई संकेत नहीं मिला कि वो नीति बदलकर इजराइल को बम देंगे. विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इसके इस्तेमाल से रेडियाएक्टिव पॉल्यूशन और रीजनल वॉर की आशंका गहरा सकती है. जनरल वोटेल ने कहा, "अगर हमने बंकर बस्टर का इस्तेमाल किया, तो परमाणु प्रदूषण फैल सकता है."
फोर्डो पर गहराया संकट:
फोर्डो अब केवल तकनीकी नहीं, बल्कि राजनीतिक चुनौती भी बन चुका है. इस पर हमला पूरे क्षेत्र में युद्ध छेड़ सकता है. ईरान दावा करता है कि उसका परमाणु प्रोग्राम शांतिपूर्ण है, लेकिन बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय चिंताओं को और गहरा कर दिया है. फोर्डो उस न्यूक्लियर डेडलॉक का प्रतीक बन चुका है जो ईरान जो ईरान और उसके विरोधियों के बीच बना हुआ है. यह प्लांट इजराइल की सीमित सैन्य क्षमताओं, अमेरिका की कूटनीतिक दुविधा और ईरान की रणनीतिक सूझबूझ का साक्ष्य है. अब जब पूरा मध्य पूर्व युद्ध की कगार पर खड़ा है, फोर्डो की भूमिका आने वाले इतिहास को तय कर सकती है.