ऑपरेशन सिंदूर से डरा पाकिस्तान, चीन के हथियार भी नहीं आए काम, अब अमेरिका से मांगी एयर डिफेंस सिस्टम की भीख

Published on: 08 Jun 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा प्रहार किया. भारत ने नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया और जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 सैन्य अड्डों को नुकसान पहुंचाया. भारत की उन्नत वायु रक्षा प्रणाली और सैन्य पराक्रम के सामने पाकिस्तान पूरी तरह बेबस नजर आया. इस हार से तिलमिलाए पाकिस्तान ने अब अमेरिका से हथियारों की मांग शुरू कर दी है.
पाकिस्तान का कबूलनामा
पाकिस्तान के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने वॉशिंगटन में अमेरिका से उन्नत हथियारों की खुली मांग की. केंद्रीय मंत्री मुसादिक मलिक ने कहा, “भारत 80 विमानों के साथ आया था, जिनमें 400 मिसाइलें थीं, जिनमें से कुछ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं. आपने देखा होगा कि हमारे साथ क्या हुआ. अगर हमारे पास एयर डिफेंस सिस्टम नहीं होता तो हम मलबे में दब जाते. भारत जो तकनीक इस्तेमाल कर रहा था, वह बहुत एडवांस है. इसलिए, हम कहते हैं कि वो तकनीकें हमें दो, हम तुमसे खरीद लेंगे.” यह बयान शहबाज शरीफ सरकार के उन दावों की पोल खोलता है, जिसमें वह भारत पर सैन्य श्रेष्ठता का झूठा दावा कर रही थी.
⚡ Pakistani delegation in the US is begging the US to provide them with air defence systems and fighter jets so that they can escape from the Indian aircraft which have advanced technology and which have destroyed their airbases. pic.twitter.com/d5naqTvgSr
— OSINT Updates (@OsintUpdates) June 7, 2025
शहबाज सरकार की सच्चाई उजागर
मलिक, बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत कर रहा है. शहबाज शरीफ ने हालिया संघर्ष को पाकिस्तान की जीत के रूप में पेश किया और दावा किया कि भारत को युद्धविराम के लिए मजबूर किया गया. इस्लामाबाद ने सेना प्रमुख आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर भी पदोन्नत किया. हालांकि, मलिक का बयान इन दावों के उलट है. शरीफ ने स्वीकार किया कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों ने रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस सहित कई ठिकानों को निशाना बनाया.
कूटनीतिक दबाव और भारत की रणनीति
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया. भारत ने शशि थरूर की अगुवाई में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका भेजा, जिसने वैश्विक मंच पर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को बेनकाब किया. पाकिस्तान ने भी बिलावल की अगुवाई में एक टीम मास्को भेजी, जो वैश्विक जांच से बचने की कोशिश में है.