PAK की अर्थव्यवस्था ICU में! शहबाज शरीफ का कबूलनामा- 'हमारे मित्र देश नहीं चाहते कि पाकिस्तान भीख का कटोरा लेकर...'

Published on: 01 Jun 2025 | Author: Anvi Shukla
Shehbaz Sharif Confession: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश की जर्जर आर्थिक स्थिति को लेकर एक और बार खुलकर कबूलनामा किया है. सेना के उच्च अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान के पारंपरिक मित्र देश भी उसे आर्थिक मदद देने से पीछे हट रहे हैं. यह बयान हाल ही में भारत के साथ हुई सैन्य झड़प के बाद आया, जब शरीफ सैनिकों का हौसला बढ़ाने पहुंचे थे.
शरीफ ने कहा, 'चीन हमारा सबसे पुराना और करीबी मित्र है. सऊदी अरब, तुर्की, कतर और यूएई भी हमारे भरोसेमंद साझेदार हैं. लेकिन अब ये देश हमसे भीख की उम्मीद नहीं रखते, बल्कि व्यापार, नवाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश जैसे क्षेत्रों में भागीदारी चाहते हैं.' उन्होंने दो टूक कहा कि अब ये देश सिर्फ एकतरफा सहायता नहीं, बल्कि पारस्परिक फायदे वाले समझौते चाहते हैं.
‘मैं आखिरी व्यक्ति हूं जो यह बोझ उठाएगा’
पाक पीएम ने अपने बयान में सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर का ज़िक्र करते हुए कहा, 'मैं और फील्ड मार्शल असीम मुनीर इस आर्थिक बोझ को कंधे पर उठाने वाले आखिरी लोग हैं. अब यह सिर्फ सरकार और सेना की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र को मिलकर इस संकट से उबरना होगा.'
पहले भी रो चुके हैं आर्थिक बदहाली पर
यह कोई पहली बार नहीं है जब शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की आर्थिक दुर्दशा पर सार्वजनिक रूप से दुख जताया हो. इससे पहले भी वे कह चुके हैं कि वे दुनिया में 'भीख का कटोरा' लेकर नहीं घूमना चाहते. IMF से हाल ही में मिली सहायता भी पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए नाकाफी मानी जा रही है.
शहबाज शरीफ का यह बयान यह साफ संकेत देता है कि अब पाकिस्तान को खुद पर काम करना होगा. सिर्फ पुराने रिश्तों और भावनात्मक भाषणों से अर्थव्यवस्था नहीं संभलेगी. विदेशी मित्र अब ठोस साझेदारी और स्थायित्व चाहते हैं, न कि केवल दया.