Protest in Los Angeles: 'तानाशाही कार्रवाई...', ट्रम्प के फैसले से गवर्नर नाराज, लॉस एंजिल्स में भड़की हिंसा

Published on: 09 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Protest in Los Angeles: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने का वादा किया था, जो उनकी 2024 की जीत का एक प्रमुख कारण बना. इस वादे ने लॉस एंजिल्स जैसे शहरों में उन्हें व्यापक समर्थन दिलाया, लेकिन साथ ही तीखा विरोध भी झेलना पड़ा.
ट्रंप ने प्रचार के दौरान कहा था, "मैं अमेरिकी सड़कों पर वामपंथी समूहों की अराजकता को बर्दाश्त नहीं करूँगा.'' अपनी इस नीति को लागू करने के लिए उन्होंने राष्ट्रपति की शक्तियों का पूरा उपयोग करने की बात कही. हालांकि, उनके सलाहकार एलॉन मस्क के साथ मतभेद के बाद ट्रंप ने इस मुद्दे पर और सख्त रुख अपनाया, जिसके चलते लॉस एंजिल्स में स्थिति तनावपूर्ण हो गई.
🎯 This is Los Angeles and Not Syria ?
— Priyanka M Mishra (@soulfulgirlll) June 9, 2025
🔶️ USA is becoming victim of Immigrants but President Trump is busy poking nose in Kashmir Issue and India-Pakistan Conflict just to gain attention from world over.
🔶️ Why Los Angeles Is Boiling?
The protests began after the… pic.twitter.com/egcspw1hOE
ICE की छापेमारी और लॉस एंजिल्स में भड़का गुस्सा
6 जून से लॉस एंजिल्स में अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) की ओर से बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू हुई. फैशन डिस्ट्रिक्ट और कॉम्पटन जैसे क्षेत्रों में 118 अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया. ICE के अनुसार, एक जॉब साइट पर 44 और ग्रेटर LA इलाके में 77 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इन छापों ने लैटिनो समुदायों में डर और आक्रोश पैदा किया. नतीजतन, हजारों लोग सड़कों पर उतर आये. प्रदर्शनकारियों ने 101 फ्रीवे को जाम कर दिया, वाहनों में आग लगाई और सरकारी भवनों पर हमला किया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में आंसू गैस, रबर बुलेट और फ्लैश-बैंग ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ. डाउनटाउन LA में फेडरल बिल्डिंग विरोध का केंद्र बन गया, जहां कथित तौर पर हिरासत में लिए गए लोगों को रखा गया था.
ट्रंप की सख्त नीतियां और नेशनल गार्ड की तैनाती
ट्रंप ने अपने अभियान में प्रतिदिन 3,000 अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार करने और अमेरिका-मेक्सिको सीमा को बंद करने का लक्ष्य रखा था. उन्होंने कैलिफोर्निया जैसे डेमोक्रेटिक राज्यों की "सैंक्चुअरी" नीतियों को देश के लिए खतरा बताया और केंद्रीय बलों के जरिए कानून लागू करने की बात कही. बढ़ते विरोध को नियंत्रित करने के लिए ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में 2,000 नेशनल गार्ड सदस्यों की तैनाती की. उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों को "हिंसक, विद्रोही भीड़" करार देते हुए कहा, "हम ऐसी सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे, जिससे दंगों को रोका जा सके.''
डेमोक्रेटिक गवर्नर का विरोध
लॉस एंजिल्स में डेमोक्रेटिक गवर्नर गेविन न्यूसॉम ने ट्रंप की कार्रवाइयों की कड़ी आलोचना की. न्यूसॉम ने कहा, "हिंसा भड़काना, अव्यवस्था को बढ़ावा देना और शहरों को सैन्य कैंप में बदलना तानाशाहों की कार्रवाई है, न कि राष्ट्रपति की." उन्होंने नेशनल गार्ड की तैनाती को राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और इसे वापस लेने की मांग की, साथ ही मुकदमा दायर करने की चेतावनी दी. न्यूसॉम का कहना है कि स्थानीय पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम थी और ट्रंप का यह कदम केवल अराजकता को बढ़ावा देने का प्रयास है.