लक्ष्मण ने तीन महीने तक बात नहीं की...सौरव गांगुली ने खोला 2003 वर्ल्ड कप का राज

Published on: 23 Jun 2025 | Author: Gyanendra Sharma
वीवीएस लक्ष्मण 2003 के वनडे विश्व कप से पहले टेस्ट क्रिकेट में अपने जीवन के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे और अपने बेहतरीन स्ट्रोकप्ले के बावजूद हैदराबाद के इस शानदार बल्लेबाज को दक्षिण अफ्रीका में टूर्नामेंट के लिए टीम से बाहर कर दिया गया था. सौरव गांगुली ने हाल ही में खुलासा किया कि 2001 के कोलकाता टेस्ट के हीरो ने दिनेश मोंगिया को शामिल करने के लिए नजरअंदाज किए जाने के बाद लगभग तीन महीने तक उनसे बात नहीं की थी.
तत्कालीन चयन समिति के प्रमुख किरण मोरे ने पिछले वर्ष कहा था कि सभी पांच राष्ट्रीय चयनकर्ता लक्ष्मण को शामिल करने के पक्ष में थे, लेकिन कप्तान गांगुली और कोच जॉन राइट की अन्य योजना थी. 2003 वनडे विश्व कप चयन बैठक से पहले, जब भारतीय टीम न्यूजीलैंड में खेल रही थी तब हमारे बीच काफी बहस हुई थी. कप्तान और कोच से मिले सुझावों के अनुसार, हमने 14 सदस्यीय टीम का चयन किया और उनसे पूछा कि वे इसके बारे में क्या सोचते हैं. कॉन्फ्रेंस कॉल पर गांगुली की राय अलग थी. हमने वीवीएस लक्ष्मण को अपने मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में चुना था. गांगुली बहुत होशियार थे. वह एक शानदार कप्तान थे, एक ऐसे व्यक्ति जिनके पास बहुत बढ़िया क्रिकेटिंग दिमाग था. उन्होंने कहा हमें एक ऑलराउंडर की जरूरत है.
गांगुली ने हाल ही में कहा था कि लक्ष्मण इस बात से हताश हैं कि उन्हें विश्व कप में खेलने का मौका नहीं मिला जबकि उन्होंने भारत के लिए 86 एकदिवसीय मैच खेले हैं. गांगुली ने पीटीआई से कहा, "ऐसा कई बार हुआ है जब हमने खिलाड़ियों को आराम दिया. वे नाखुश थे. लक्ष्मण को विश्व कप से बाहर रखा गया. उन्होंने तीन महीने तक मुझसे बात नहीं की. फिर मैंने उनसे सुलह कर ली. विश्व कप के लिए कोई भी परेशान हो सकता है. खास तौर पर लक्ष्मण जैसी क्षमता वाले खिलाड़ी. उनका परेशान होना स्वाभाविक है.
2003 वनडे वर्ल्ड कप में भारत का सफर शानदार रहा. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया. रिकी पोंटिंग की अगुआई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 125 रन से हराकर चौंका दिया.