तेजस्वी से पंगा पड़ा भारी, अनुष्का के भाई आकाश यादव को पशुपति पारस ने पार्टी से निकाला

Published on: 29 May 2025 | Author: Gyanendra Sharma
बिहार की सियासत में तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव के रिश्ते को लेकर चल रहा विवाद अब नए दौर में पहुंच गया है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) ने अनुष्का यादव के भाई आकाश यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. यह फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने लिया है. आकाश यादव लगातार अपनी बहन अनुष्का और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेज प्रताप यादव के समर्थन में बयानबाजी कर रहे थे, जिसके बाद पार्टी ने यह कड़ा कदम उठाया.
विवाद की शुरुआत तब हुई जब तेज प्रताप यादव ने अपनी फेसबुक पोस्ट में अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने रिश्ते का दावा किया. पोस्ट में उन्होंने अनुष्का के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और लंबे समय से रिलेशनशिप में हैं. इस पोस्ट के वायरल होने के बाद बिहार की सियासत में हंगामा मच गया, खासकर इसलिए क्योंकि तेज प्रताप की शादी 2018 में ऐश्वर्या राय जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती हैं के साथ हुई थी. यह शादी कुछ ही महीनों में टूट गई थीऔर दोनों के बीच तलाक का मामला अभी कोर्ट में लंबित है.
तेज प्रताप की इस पोस्ट ने न केवल उनकी निजी जिंदगी, बल्कि RJD और उनके परिवार की छवि पर भी सवाल उठाए. विवाद बढ़ने पर तेज प्रताप ने सफाई दी कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था और तस्वीरों को गलत तरीके से संपादित कर उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की साजिश रची गई. हालांकि, इस दावे की कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई.
आकाश यादव का बयान और RLJP का फैसला
इस विवाद में अनुष्का यादव के भाई आकाश यादव ने अपनी बहन और तेज प्रताप का समर्थन करते हुए कई बयान दिए. उन्होंने कहा कि यह एक निजी मामला है और दोनों वयस्क हैं, इसलिए उन्हें अपने फैसले लेने का हक है. आकाश ने यह भी कहा कि वह अपनी बहन के फैसले के साथ खड़े हैं और एक बड़े भाई के रूप में अपना कर्तव्य निभाएंगे. हालांकि, आकाश के इन बयानों को RLJP ने पार्टी के हितों के खिलाफ माना. पशुपति कुमार पारस ने बिहार की मौजूदा सियासी परिस्थितियों का हवाला देते हुए आकाश को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का ऐलान किया. पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि आकाश का व्यवहार और बयानबाजी RLJP की छवि के लिए नुकसानदेह थी.