मिलिए पंजाब के 10 साल के बच्चे से, जिसने भीषण गोलीबारी के बीच जवानों को चाय पिलाई, अब भारतीय सेना उठाएगी उसकी पढ़ाई का खर्च

Published on: 20 Jul 2025 | Author: Mayank Tiwari
पंजाब के फिरोजपुर जिले में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जोखिम भरे मुठभेड़ में सैनिकों की मदद करने वाले 10 वर्षीय श्वान सिंह के प्रति भारतीय सेना ने एक हृदयस्पर्शी पहल की है. सेना ने श्वान की शिक्षा का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है. अंतरराष्ट्रीय सीमा से मात्र 2 किलोमीटर दूर तारा वाली गाँव में भारी गोलीबारी के बीच, श्वान ने सैनिकों के लिए पानी, बर्फ, चाय, दूध और लस्सी लाकर उनकी सहायता की. भारतीय सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने अब उनके साहस और देशभक्ति को सम्मानित करने के लिए उनकी शिक्षा को पूरी तरह प्रायोजित करने का वादा किया है.
श्वान का साहस और सपना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्वान ने मई में कहा था, "मैं बड़ा होकर 'फौजी' बनना चाहता हूँ. मैं देश की सेवा करना चाहता हूँ." उनके इस जज्बे ने न केवल सैनिकों का दिल जीता, बल्कि पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया. उनके पिता ने गर्व से बताया, "हमें उन पर गर्व है. सैनिकों ने भी उन्हें बहुत प्यार दिया." उन्होंने यह भी कहा कि कक्षा 4 में पढ़ने वाला श्वान बिना किसी के कहे स्वतः सैनिकों की मदद के लिए आगे आया.
सेना ने किया सम्मान
बीते शनिवार को फिरोजपुर कैंटोनमेंट में आयोजित एक समारोह में सेना के पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने श्वान को सम्मानित किया. सेना ने श्वान के जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कहानी देश भर में उन "मूक नायकों" की याद दिलाती है, जो चुपके से सैनिकों के साथ खड़े रहते हैं और सम्मान व समर्थन के हकदार हैं.
जानें प्रेरणादायक कहानी?
श्वान की नन्ही उम्र में दिखाई गई वीरता और देशभक्ति की भावना हर किसी के लिए प्रेरणा है. उनकी इस निस्वार्थ सेवा ने न केवल सैनिकों का हौसला बढ़ाया, बल्कि यह भी साबित किया कि देशप्रेम की कोई उम्र नहीं होती. सेना का यह कदम श्वान जैसे बच्चों को प्रोत्साहित करने और उनकी प्रतिभा को निखारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.