2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बनी रहेगी रफ्तार, इक्रा ने लगाया 6.5% से अधिक की वृद्धि का अनुमान

Published on: 18 Jun 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने मंगलवार को जारी अपनी नई रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.5% से अधिक होगी, जबकि वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (GVA) वृद्धि 6.3% को पार कर सकती है.
इस वजह से रफ्तार पकड़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
इक्रा ने ग्रामीण मांग, आयकर राहत, और कम EMI को आर्थिक वृद्धि के समर्थन में प्रमुख कारक बताया. ग्रामीण मांग रबी फसलों के नकदी प्रवाह और सामान्य से अधिक जलाशय स्तरों के कारण मजबूत बनी रहेगी. केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित आयकर कटौती, ब्याज दरों में कमी की उम्मीद, और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी से परिवारों की डिस्पोजेबल आय बढ़ने की संभावना है. पीटीआई के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 4.2% से ऊपर और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 2.7% से अधिक रहेगा.
राजकोषीय और चालू खाता घाटा
इक्रा ने अनुमान लगाया कि भारत का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4% होगा, जबकि चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी का -1% रहेगा. सेवा निर्यात माल निर्यात से बेहतर प्रदर्शन करेगा, लेकिन माल निर्यात निकट भविष्य में सुस्त रह सकता है, क्योंकि व्यापार नीति में अनिश्चितता और निर्यात की कमजोर संभावनाएं बनी हुई हैं.
निवेश और पूंजीगत व्यय
रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2026 के लिए पूंजीगत व्यय में 10.1% की वृद्धि का बजट रखा है, जो सार्वजनिक निवेश गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा. हालांकि, निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय सीमित रह सकता है, क्योंकि व्यापार नीति का अनिश्चित माहौल और निर्यात की कमजोर संभावनाएं बाधा बन रही हैं. इक्रा की यह रिपोर्ट भारत की आर्थिक संभावनाओं को मजबूत दर्शाती है, लेकिन वैश्विक व्यापार चुनौतियों के बीच सतर्क दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देती है.