BJP का सहयोगी NDA ने भी किया G Ram G का विरोध, जानें किस बात की टेंशन आया साथी दल
Published on: 17 Dec 2025 | Author: Km Jaya
नई दिल्ली: मनरेगा की जगह लाए गए विकसित भारत जी राम जी विधेयक 2025 को लेकर संसद और राजनीति में विवाद तेज हो गया है. इस विधेयक को लोकसभा में ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई है, लेकिन विपक्ष के साथ अब एनडीए के एक सहयोगी दल ने भी आपत्ति जता दी है. तेलुगु देशम पार्टी ने इस योजना के तहत राज्यों पर बढ़ने वाले आर्थिक बोझ को लेकर चिंता जाहिर की है.
इस घटनाक्रम से केंद्र सरकार की सहयोगी राजनीति में भी असहजता देखी जा रही है. ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के हंगामे के बीच यह विधेयक सदन में पेश किया. विपक्षी सांसदों ने इसका जोरदार विरोध किया और कहा कि योजना के नाम से महात्मा गांधी का नाम हटाना राष्ट्रपिता का अपमान है. विपक्ष ने मांग की कि विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संसदीय समिति के पास भेजा जाए.
सांसद लवु श्री कृष्ण देवरयालु ने क्या कहा?
एनडीए सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी के सांसद लवु श्री कृष्ण देवरयालु ने कहा कि मनरेगा में सुधार की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी. उन्होंने बताया कि इसी सोच के तहत काम के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 किया गया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे में योजना का अतिरिक्त खर्च राज्यों पर डालना चिंता का विषय है.
टीडीपी के प्रवक्ता एन विजय कुमार ने क्या कहा?
उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर राज्यों की मदद करेगी. टीडीपी के प्रवक्ता एन विजय कुमार ने नए स्वरूप का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने योजना में 40 प्रतिशत भुगतान के प्रावधान पर दोबारा विचार की मांग रखी है. पार्टी का कहना है कि राज्यों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र को लचीला रुख अपनाना चाहिए.
कांग्रेस का क्या है प्लान?
इधर, कांग्रेस ने विधेयक के नाम बदलने के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस का कहना है कि महात्मा गांधी के नाम को हटाना गरीबों और ग्रामीणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम है.
शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी हमारे दिलों में बसते हैं और सरकार उनके विचारों पर चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार ने भी पहले योजनाओं के नाम बदले थे.
चौहान ने बताया कि अब तक मनरेगा पर 8.53 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि नए विधेयक में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी जा रही है. 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इसके लिए प्रावधान किया गया है. सरकार का दावा है कि इस योजना से गांवों का समग्र विकास होगा.