शराब घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, पूर्व CM की करीबी सौम्या चौरसिया गिरफ्तार; क्या भूपेश बघेल तक पहुंचेंगी जांच की आंच?
Published on: 17 Dec 2025 | Author: Anuj
रायपुर: छत्तीसगढ़ में सामने आए करीब 3200 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अहम और बड़ी कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के तहत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी मानी जाने वाली वरिष्ठ अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया गया है.
7 घंटे तक हुई पूछताछ
यह गिरफ्तारी मंगलवार को रायपुर में ईडी कार्यालय में हुई लंबी पूछताछ के बाद की गई. करीब सात घंटे तक चली इस पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया. जांच एजेंसी की इस कार्रवाई को अब तक की जांच का सबसे बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है, क्योंकि सौम्या चौरसिया को तत्कालीन सरकार के सबसे प्रभावशाली लोगों में गिना जाता था.
छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज
ईडी अधिकारियों का कहना है कि शराब कारोबार से जुड़े अवैध लेन-देन, कमीशन व्यवस्था और सरकारी तंत्र के गलत इस्तेमाल से जुड़े कई अहम सबूत जांच के दौरान सामने आए हैं. इन्हीं तथ्यों के आधार पर ईडी ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार करने का फैसला लिया. इस गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और एक बार फिर पिछली भूपेश बघेल सरकार पर सवाल उठने लगे हैं.,
ED ने जारी किया था समन
मंगलवार सुबह ईडी ने सौम्या चौरसिया को समन जारी कर रायपुर स्थित अपने कार्यालय में पेश होने को कहा था. इसके बाद उनसे घंटों तक पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान एजेंसी ने शराब घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज, बैंक खातों के लेन-देन और डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर सवाल किए. सूत्रों के अनुसार, जांच में यह जानने की कोशिश की गई कि शराब कारोबार में कमीशन की पूरी व्यवस्था कैसे काम करती थी, किन अधिकारियों और लोगों की इसमें भूमिका थी और पूरा सिंडिकेट कैसे संचालित किया जा रहा था? पूछताछ पूरी होने के बाद ईडी ने उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया.
'कई परतें खुलनी बाकी'
एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले की जांच में अभी कई परतें खुलनी बाकी हैं और कुछ महत्वपूर्ण कड़ियां सामने आनी शेष हैं. इसके साथ ही सौम्या चौरसिया से जुड़े दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की भी बारीकी से जांच की जा रही है.
हाल ही में मिली थी सशर्त जमानत
यह पहली बार नहीं है जब सौम्या चौरसिया किसी बड़े मामले में जांच के घेरे में आई हो. इससे पहले वे कोल लेवी और डीएमएफ घोटाले से जुड़े मामले में जेल जा चुकी हैं. उस केस में उन्हें हाल ही में सशर्त जमानत मिली थी और वे जेल से बाहर आई थी. अब शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद उनकी कानूनी परेशानियां एक बार फिर बढ़ गई हैं. ईडी का मानना है कि अलग-अलग घोटालों के बीच आपसी संबंध भी हो सकते हैं, जिनकी जांच की जा रही है.
'संगठित नेटवर्क काम कर रहा था'
ईडी के मुताबिक, कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान शराब कारोबार से जुड़ा एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था. इस नेटवर्क के जरिए सरकारी शराब दुकानों से बड़े स्तर पर अवैध कमाई की गई और नियमों को दरकिनार कर भारी मुनाफा कमाया गया. जांच एजेंसी अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.