‘मुंह ढक लीजिए कि आप लखनऊ में हैं…’, चौथा टी-20 रद्द होने पर अखिलेश ने कोहरे की जगह बीजेपी पर क्यों फोड़ा ठीकरा
Published on: 17 Dec 2025 | Author: Anuj
लखनऊ: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच होने वाला चौथा टी-20 मैच घने कोहरे के कारण रद्द हो गया है. सीरीज का पांचवां मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा. चौथा मैच रद्द होने के बाद अब राजनीति तेज हो गई है. सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर तीखा हमला किया है. दरअसल, चौथा टी-20 मैच लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी एकाना क्रिकेट स्टेडियम में होना था.
अखिलेश यादव ने किया तीखा हमला
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि दिल्ली का प्रदूषण अब लखनऊ तक पहुंच गया है। इसीलिए लखनऊ में आयोजित होनेवाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं हो पा रहा है. दरअसल, इसकी वजह कोहरा या फ़ॉग नहीं, स्मॉग है. हमने जो पार्क लखनऊ की शुद्ध हवा के लिए बनवाए थे, भाजपा सरकार वहां भी इंवेटबाजी करवाकर उन्हें बर्बाद करना चाहती है. भाजपाई न इंसान के सगे हैं, न पर्यावरण के. मुंह ढक लीजिए कि आप लखनऊ में हैं.
दिल्ली का प्रदूषण अब लखनऊ तक पहुँच गया है। इसीलिए लखनऊ में आयोजित होनेवाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं हो पा रहा है। दरअसल इसकी वजह कोहरा या फ़ॉग नहीं, स्मॉग है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 17, 2025
हमने जो पार्क लखनऊ की शुद्ध हवा के लिए बनवाए थे, भाजपा सरकार वहाँ भी इंवेटबाजी करवाकर उन्हें बर्बाद करना चाहती… pic.twitter.com/X71TvretcV
बड़े शहरों में प्रदूषण का कहर
आपको बता दें कि दिल्ली-NCR सहित देश कई बड़े शहरों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है. पिछले कुछ दिनों से देहरादून का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. यही हाल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला.
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
वहीं, दिल्ली-एनसीआर में हर साल गंभीर होते जा रहे वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने साफ शब्दों में कहा कि अब तक प्रदूषण रोकने के लिए उठाए गए कदम नाकाम साबित हुए हैं.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अब एक सालाना संकट बन चुका है. अदालत ने माना कि सरकारें हर साल आपात उपाय करती हैं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि मौजूदा कदम 'टोटल फेल्योर' साबित हुए हैं और इससे जनता को कोई स्थायी राहत नहीं मिल पा रही है.