'चीन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता', भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच 'चीनी फैक्टर' पर बोले शशि थरूर

Published on: 07 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Pakistan's defence equipment: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने हाल ही में पाकिस्तान और चीन के बीच गहरे रक्षा और आर्थिक संबंधों पर बात की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के 81 प्रतिशत रक्षा उपकरण चीन से आते हैं, जिसके चलते भारत-पाकिस्तान तनाव में चीन को नजरअंदाज करना असंभव हैं. थरूर ने यह बयान वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में थिंक टैंक के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए दिए.
थरूर ने बताया कि 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में प्रगति हुई थी. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव ने स्थिति को जटिल कर दिया. थरूर ने कहा, "मैं अपने शब्दों को तोड़-मरोड़ कर नहीं कहूंगा, लेकिन हम जानते हैं कि चीन का पाकिस्तान में बहुत बड़ा हित है.'
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा: एक रणनीतिक गठजोड़
थरूर ने बताया कि चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत सबसे बड़ी परियोजना, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी), दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक और रणनीतिक संबंधों का प्रतीक है. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के 81 प्रतिशत रक्षा उपकरण चीन से आते हैं. रक्षा शब्द यहां गलत हो सकता है, क्योंकि कई मायनों में यह आक्रमण का हिस्सा है. "थरूर ने जोर देकर कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव में चीन एक ऐसा कारक है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
पहलगाम हमला के बाद संयुक्त राष्ट्र का रुख
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाक तनाव को और बढ़ा दिया. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को इस हमले की कड़ी निंदा की, लेकिन इसमें आतंकी संगठन 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' का नाम शामिल नहीं किया गया. थरूर ने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने चीन की मदद से इस नाम को हटवाया। संयुक्त राष्ट्र के प्रेस वक्तव्य में कहा गया, "सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया.'
चीनी तकनीक का उपयोग और भारत की रणनीति
विदेश संबंध परिषद में एक चर्चा के दौरान थरूर से पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की जा रही चीनी सैन्य तकनीक के बारे में पूछा गया. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की 'किल चेन' तकनीक, जिसमें रडार, जीपीएस, विमान और मिसाइल एक साथ कार्य करते हैं, चीन द्वारा समर्थित है. थरूर ने कहा, "हमने चीजों को अलग तरीके से किया। नहं तो हम 11 पाकिस्तानी हवाई अड्डों को निशाना नहीं बना पाते और चीन द्वारा आपूर्ति की गई हवाई सुरक्षा को भेद नहीं पाते.''
भारत की संतुलित नीति
थरूर ने जोर देकर कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों, यहां तक कि विरोधियों के साथ भी संवाद के रास्ते खुले रखता है. उन्होंने कहा, "हमारे पड़ोस में क्या चुनौतियां हैं, इस बारे में हमें कोई भ्रम नहीं है, लेकिन भारत ने हमेशा विकास, वृद्धि और व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया है. चीन के साथ हमारा व्यापार अभी भी रिकॉर्ड स्तर पर है. ऐसा नहीं है कि हम शत्रुतापूर्ण रवैया अपना रहे हैं, लेकिन हम इन अन्य धाराओं के प्रति सजग हैं.''