'क्या देशभक्त होना इतना कठिन है', राजनीतिक निष्ठा के सवाल पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का निशाना

Published on: 02 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, जो सरकार के आतंकवाद विरोधी अभियान के लिए गठित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं. उन्होंने सोमवार (2 जून) को कहा कि यह “बड़ा दुखद है कि देश में लोग राजनीतिक निष्ठाओं की गणना कर रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया, “क्या देशभक्ति इतनी मुश्किल है” जब आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मिशन चल रहा हो.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सलमान खुर्शीद जद(यू) सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर का दौरा करने के बाद वर्तमान में मलेशिया में है. इस दल में बीजेपी सांसद बृज लाल, प्रदन बरुआ, हेमंग जोशी, और अपराजिता सरंगी, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, सीपीआई-एम के जॉन ब्रिटास और मोहन कुमार भी शामिल हैं.
When on mission against terrorism, to carry India’s message to the world, it’s distressing that people at home are calculating political allegiances. Is it so difficult to be patriotic?
— Salman Khurshid (@salman7khurshid) June 2, 2025
सलमान खुर्शीद का सोशल मीडिया पर बयान
सोशल मीडिया मंच X पर सलमान खुर्शीद ने लिखा, “जब आतंकवाद के खिलाफ मिशन पर भारत का संदेश विश्व तक पहुंचाने की बात हो, तो यह दुखद है कि देश में लोग राजनीतिक निष्ठाओं की गणना कर रहे हैं. क्या देशभक्ति इतनी मुश्किल है?” हालांकि, खुर्शीद ने अपने पोस्ट में यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका निशाना कौन था, लेकिन कांग्रेस ने सरकार द्वारा अपने नेताओं को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के तरीके पर असंतोष जताया है. पार्टी का कहना है कि केंद्र ने उनके द्वारा सुझाए गए नामों को नजरअंदाज किया.
“राष्ट्र के लिए कार्य प्रेरणादायक नहीं होना चाहिए?”
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए खुर्शीद ने अपने X पोस्ट के बारे में कहा, “लोग बार-बार सवाल उठाते हैं, जो राष्ट्र के लिए कुछ करने की इच्छा रखने वालों के लिए प्रेरणादायक नहीं हैं. लोग कहते हैं, ‘आप बीजेपी के लोगों के साथ प्रतिनिधिमंडल में क्या कर रहे हैं?’ हम यहां देश के लिए जरूरी काम कर रहे हैं. चाहे आप किसी भी पार्टी से हों, आज जरूरत है कि देश के लिए एक स्वर में बोला जाए, और यही हम कर रहे हैं. जब मैं पूछता हूं कि क्या देशभक्ति इतनी मुश्किल है, तो यह सवाल उन लोगों से है जो ट्वीट कर रहे हैं और ऐसी बातें कह रहे हैं जो राष्ट्र के लिए कुछ करने की भावना को कमजोर करती हैं.”
“भारत पहले, केवल भारत”
सलमान खुर्शीद ने उन दावों पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा जा रहा है कि वह सरकार का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, जो लोग कह रहे हैं कि मैं अमुक का समर्थन कर रहा हूं या सरकार का समर्थन कर रहा हूं. क्या मैं यहां भारत सरकार का विरोध करने आया हूं? अगर ऐसा करना होता, तो मैं घर पर रहता. मैं यहां भारत के लिए बोलने आया हूं. जो कोई भी भारत के लिए बोलता है, जिस तरह से भी बोलता है, हम यहां उसका समर्थन करने आए हैं. यह केवल 10-12 दिनों का समय है, फिर हमें घर लौटकर अपने कर्तव्यों को निभाना है. लेकिन यहां भारत पहले, भारत और केवल भारत.”
जम्मू-कश्मीर पर खुर्शीद का बयान
पिछले हफ्ते इंडोनेशिया में, खुर्शीद ने कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग होने का अहसास दिलाया था. जकार्ता में इंडोनेशियाई थिंक टैंक्स और शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “कश्मीर में लंबे समय तक बड़ी समस्या थी. इसका अधिकांश हिस्सा संविधान के अनुच्छेद 370 में सरकार की सोच में झलकता था... लेकिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया और इसे अंततः समाप्त कर दिया गया.”