'अब मैं बच्चे की तरह सो पाऊंगा...' जीत के बाद कोहली बोले-दिल-आत्मा बेंगलुरु के साथ

Published on: 04 Jun 2025 | Author: Gyanendra Sharma
विराट कोहली का कहना है कि अब वह एक बच्चे की तरह सो सकते हैं क्योंकि आखिरकार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने रात अपने नाम कर ली है. विराट कोहली को अहमदाबाद में उस पल का आनंद लेने के लिए लगभग आधी रात तक इंतजार करना पड़ा जिसका वह हमेशा से इंतजार करते रहे हैं. उन्हें अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर 36 साल की उम्र तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इस पल का जश्न उतनी ही खुशी से मनाया जितना वह अपने 20 के दशक में मनाते.
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के विराट कोहली 3 जून 2025 को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में आईपीएल का खिताब जीत लिया. इस जीत देश भर विराट कोहली और आरसीबी के फैंस को इमोशनल कर दिया. खेल के अंतिम ओवर की शुरुआत में जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत लगभग तय हो गई थी, विराट कोहली ने अपना चेहरा अपने हाथों में छिपा लिया.
18 साल का लंबा इंतजार
18 साल तक अपनी एकमात्र फ्रैंचाइज़ के लिए सब कुछ लुटाने के बाद, जर्सी नंबर 18 वाले कोहली को पता था कि वह आखिरकार मायावी आईपीएल ट्रॉफी को चूम सकते हैं. आरसीबी ने अहमदाबाद में 190 रनों का पीछा करते हुए पंजाब किंग्स को छह रनों से हरा दिया तो वह मैदान पर उतरे और खुशी के आंसू बहाए.
बाद में भावुक लेकिन मुखर कोहली ने आईपीएल खिताब के लिए अपनी अथक कोशिश के बारे में बात की. उन्होंने कहा, "मैंने इस टीम को अपनी जवानी, अपना सर्वश्रेष्ठ और अपना अनुभव दिया है. हर सीजन में इसे जीतने की कोशिश की अपना सबकुछ दिया. कभी नहीं सोचा था कि यह दिन आएगा, जीतने के बाद मैं भावुक हो गया था.
अब मैं चैन से सो पाऊंगा
उन्होंने कहा, उनकी आवाज भर्रा गई. वह अपने पुराने आरसीबी साथी एबी डिविलियर्स को नहीं भूले जो टेलीविजन विशेषज्ञ के रूप में मैदान पर थे. उन्होंने कहा, "एबीडी ने फ्रैंचाइजी के लिए जो किया है वह जबरदस्त है उनसे कहा 'यह उतना ही तुम्हारा है जितना हमारा है'. वहीं विराट कोहली ने कहा, दिल, आत्मा बैंगलोर के साथ हैं, अब मैं चैन से सो पाऊंगा. यह जीत जितनी हमारी टीम के लिए है.
अहमदाबाद में आया वो पल
कोहली और आरसीबी के लिए आईपीएल का सफ़र बहुत मुश्किल रहा है. एक दशक से ज़्यादा समय से टीम का चेहरा रहे कोहली ने आज से पहले तीन फ़ाइनल खेले हैं, लेकिन कभी कप नहीं जीत पाए. उन्हें अहमदाबाद में उस पल का जश्न मनाने के लिए लगभग आधी रात तक इंतज़ार करना पड़ा, जिसका उन्हें हमेशा से इंतज़ार था. उन्हें 36 साल की उम्र तक इंतज़ार करना पड़ा, जो उनके करियर के आखिरी पड़ाव के करीब था, लेकिन उन्होंने इस पल का जश्न उतनी ही खुशी से मनाया जितना वे अपने 20 के दशक में मनाते.