जयशंकर की मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ हुई मुलाकात, क्या PAK के हालत होंगे खराब!

Published on: 05 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (5 जून) को मध्य एशियाई देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों और व्यापार-निवेश को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया. इस दौरान कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली चौथी भारत-मध्य एशिया वार्ता में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस वार्ता से पहले भारतीय विदेश जयशंकर ने कजाकिस्तान के विदेश मंत्री मुरात नुर्तलेउ, ताजिकिस्तान के सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन, किर्गिस्तान के झीनबेक कुलुबायेव और तुर्कमेनिस्तान के रशीद मेरेदोव के साथ अलग-अलग बैठकें कीं.
आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
इन बैठकों में आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई पर बल दिया गया. जयशंकर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने नुर्तलेउ के "आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की पुन: पुष्टि" की सराहना की. मुहरिद्दीन के साथ बैठक में जयशंकर ने सहमति जताई कि "हमारे क्षेत्र में आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करना आवश्यक है." किर्गिस्तान के कुलुबायेव के साथ चर्चा में जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ "समर्थन और एकजुटता के लिए" उनकी सराहना की. तुर्कमेनिस्तान के मेरेदोव ने भी सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की, जिसका जयशंकर ने स्वागत किया।
कोराबर और कनेक्टिविटी पर हुई जमकर चर्चा
इस मीटिंग में आतंकवाद के अलावा, बैठकों में व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, विकास और ऊर्जा सहयोग जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. कजाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ जयशंकर ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, निवेश और ऊर्जा सहयोग पर विचार-विमर्श किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, "मध्य एशिया क्षेत्र के साथ कनेक्टिविटी को व्यापक बनाने पर भी बात हुई." किर्गिस्तान के साथ बैठक में बैंकिंग, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया गया.
सहयोग के नए समझौते
जयशंकर ने कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ अलग-अलग सहयोग कार्यक्रमों पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौते दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं. शुक्रवार को होने वाली भारत-मध्य एशिया वार्ता का उद्देश्य भारत और इस रणनीतिक क्षेत्र के बीच संबंधों को बेहतर करना है, जिसमें व्यापार, कनेक्टिविटी, प्रौद्योगिकी और विकास सहयोग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
विदेश मंत्रालय के अनुसार, छह देश क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों और अन्य क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे. यह वार्ता भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी.