ठेकेदार ने ChatGPT से ऐसी सड़क बना डाली कि इंजीनियर भी खा गया धोखा, देखें मजेदार वीडियो

Published on: 06 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Contractor made cc road with chatgpt: आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ChatGPT जैसे टूल्स ने जहां एक ओर लोगों के जीवन को सरल बनाया है, वहीं दूसरी ओर इनका गलत इस्तेमाल भी बढ़ता जा रहा है. हाल ही में एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जो AI के दुरुपयोग का चौंकाने वाला उदाहरण पेश करता है. इस वीडियो में एक ठेकेदार ने AI की मदद से इंजीनियर को धोखा देकर सबको हैरान कर दिया.
वीडियो में दिखाया गया है कि एक गांव में कच्ची सड़क बनाने का ठेका एक ठेकेदार को मिला था. लेकिन उसने काम शुरू करने के बजाय एक चालाकी भरी तरकीब निकाली. जब इंजीनियर ने WhatsApp पर सड़क निर्माण की प्रगति के बारे में पूछा, तो ठेकेदार ने फौरन गांव की कच्ची सड़क की तस्वीर खींची। फिर उसने ChatGPT से जुड़े एक इमेज जनरेशन टूल का इस्तेमाल किया और उस तस्वीर को पक्की सीमेंट-कॉन्क्रीट (CC) सड़क में बदल दिया. महज कुछ सेकंड में AI ने कच्ची सड़क की तस्वीर को इस तरह बदल दिया कि वह एक चमचमाती पक्की सड़क जैसी दिखने लगी. ठेकेदार ने इस नकली तस्वीर को इंजीनियर को भेजा. जिसे देखकर इंजीनियर ने जवाब दिया, 'बहुत अच्छा काम हुआ है. बिल भेज दो, पैसे मिल जाएंगे.'
ठेकेदार ने ChatGPT से बना डाली पक्की सड़क 😜
— Ms.Bhumi (@ibmindia20) June 5, 2025
बस इसी तरह चमचे भी पप्पू को प्रधानमंत्री बनायेंगे 😂 pic.twitter.com/2n40bvie5H
सोशल मीडिया पर वायरल
यह वीडियो Instagram पर '@sndconstruction.india' नामक अकाउंट से शेयर किया गया है और इसे अब तक 40 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस वीडियो ने न केवल लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि मजेदार कमेंट्स की बाढ़ भी ला दी. एक यूजर ने लिखा, "ये ठेकेदार तो फिल्मों के ठगों से भी आगे निकला।" किसी ने तंज कसते हुए कहा, "अब तो AI से ही देश बनेगा या बिगड़ेगा।" एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "ये है असली ChatGPT का जादू।" एक ने तो हद ही कर दी और लिखा, "भाई तुझे तो नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।"
AI के दुरुपयोग की बढ़ती चुनौती
यह घटना न केवल हास्यास्पद है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि AI का गलत इस्तेमाल कितना आसान हो गया है. ऐसे टूल्स, जो मूल रूप से उत्पादकता बढ़ाने और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए थे, अब धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का हथियार बन रहे हैं.