उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला! 27 जनवरी 2025 से पहले हुए विवाहों का होगा निःशुल्क पंजीकरण

Published on: 06 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार (6 जून) को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि 27 जनवरी 2025 से पहले हुए विवाहों का पंजीकरण यदि 26 जुलाई 2025 तक कराया जाता है, तो इसके लिए कोई पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा. यह कदम राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के तहत विवाह पंजीकरण को और अधिक सुगम और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम धामी के इस फैसले से उन जोड़ों को राहत मिलेगी, जिन्होंने अभी तक अपने विवाह का पंजीकरण नहीं कराया है, और यह प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद करेगा.
Dehradun | The Uttarakhand government has decided that if the registration of marriages performed before 27 January 2025 is done by 26 July 2025, then no registration fee will be payable for it.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 6, 2025
So far, more than 1,90,000 marriages have been successfully registered online under… pic.twitter.com/JEI1mZQIYJ
समान नागरिक संहिता के तहत बेहतरीन प्रगति
उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता के तहत ऑनलाइन विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को तेजी से लागू किया है. हालांकि, अब तक, 1,90,000 से अधिक विवाहों का पंजीकरण ऑनलाइन सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है. यह उपलब्धि राज्य सरकार की डिजिटल पहल और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में एक बड़ा कदम है. ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली ने लोगों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया है, जिससे समय और संसाधनों की बचत हुई है.
निःशुल्क पंजीकरण का महत्व
उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय उन परिवारों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और पंजीकरण शुल्क को वहन करने में असमर्थ हैं. उत्तराखंड सरकार ने अपने बयान में कहा, “27 जनवरी 2025 से पहले हुए विवाहों का पंजीकरण यदि 26 जुलाई 2025 तक कर लिया जाता है, तो कोई पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा. इस पहल से न केवल विवाह पंजीकरण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह कानूनी रूप से विवाह को मान्यता प्रदान करने में भी मदद करेगा, जो भविष्य में कानूनी और सामाजिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
आगे की कैसी रहेगी राह!
उत्तराखंड सरकार की यह पहल समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में एक और कदम है. यह निर्णय नागरिकों को जागरूक करने और पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने में सहायक होगा. सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और समय सीमा के भीतर अपने विवाह का पंजीकरण कराएं.