क्या है डार्कनेट ड्रग सिंडिकेट 'केटामेलन', जिसका NCB ने किया पर्दाफाश? ₹70 लाख की डिजिटल संपत्तियां जब्त

Published on: 01 Jul 2025 | Author: Kuldeep Sharma
डार्कनेट के जरिए नशे का जाल फैलाने वाली गैंग पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने एक बड़ी कार्रवाई की है. “केटामेलन” नामक इस सिंडिकेट को भारत में अब तक की सबसे उन्नत और खतरनाक डार्कनेट ड्रग नेटवर्क माना जा रहा है. ऑपरेशन "मेलॉन" के तहत हुई इस छापेमारी में ना सिर्फ ड्रग्स मिले, बल्कि डिजिटल संपत्तियों और क्रिप्टो वॉलेट्स की भी जब्ती हुई.
अधिकारियों के अनुसार, केटामेलन भारत का अकेला लेवल-4 डार्कनेट वेंडर था, जो वैश्विक रैंकिंग में सबसे उच्च स्तर का होता है. यह सिंडिकेट पिछले दो वर्षों से एलएसडी और केटामाइन को अंतरराष्ट्रीय वेंडरों से खरीदकर भारत के बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, भोपाल, पटना और हिमाचल-उत्तराखंड के क्षेत्रों में सप्लाई कर रहा था. NCB ने 1,127 एलएसडी ब्लॉट्स और 131.66 ग्राम केटामाइन बरामद की है, जिनकी बाजार कीमत ₹35.12 लाख बताई गई है.
डिजिटल सबूत और क्रिप्टो संपत्तियों की जब्ती
इस ऑपरेशन के तहत ₹70 लाख की डिजिटल संपत्तियां जब्त की गईं जिनमें एक हार्डवेयर वॉलेट (USDT), KITES OS से लैस पेन ड्राइव, कई क्रिप्टो वॉलेट्स, हार्ड डिस्क और Binance जैसे प्लेटफॉर्म पर कस्टोडियल वॉलेट्स की जानकारी शामिल है. यह ऑपरेशन 28 जून को कोच्चि में तीन डाक पार्सलों से 280 एलएसडी ब्लॉट्स की जब्ती से शुरू हुआ, जिसके बाद 29 जून को संदिग्ध के घर पर छापा मारा गया और बाकी सामग्री जब्त की गई. संदिग्ध और उसका साथी पुलिस हिरासत में हैं.
‘ड्रग-फ्री इंडिया’ के लक्ष्य की ओर बड़ा कदम
NCB के मुताबिक, केटामेलन नाम की शुरुआत केटामाइन तस्करी से हुई थी और यह सिंडिकेट ब्रिटेन स्थित डार्कनेट वेंडर “गुंगा दीन” से माल मंगवाता था, जो “डॉ. सियस” नामक वैश्विक एलएसडी नेटवर्क से जुड़ा था. पिछले 14 महीनों में ही सिंडिकेट ने भारत में 600 से अधिक पार्सल डिलीवर किए. वहीं 2023 में NCB ने “जाम्बाडा” नामक ऐसे ही एक अन्य बड़े ड्रग सिंडिकेट को पकड़ा था. एनसीबी ने लोगों से ड्रग से जुड़ी कोई भी जानकारी ‘मानस’ हेल्पलाइन 1933 पर देने की अपील की है, और पहचान गुप्त रखने का आश्वासन दिया है.