ट्रंप प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, 5 लाख से अधिक आप्रवासियों पर मंडराया निर्वासन का खतरा

Published on: 30 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन के उस फैसले को मंजूरी दे दी, जिसमें क्यूबा, हैती, निकारागुआ और वेनेजुएला से आए 5 लाख से अधिक आप्रवासियों की अस्थायी संरक्षित स्थिति (TPS) को रद्द करने का निर्णय लिया गया. इसके अलावा, कोर्ट ने एक अन्य मामले में लगभग 3.5 लाख वेनेजुएलाई आप्रवासियों की अस्थायी कानूनी स्थिति को समाप्त करने की अनुमति दी. यह फैसला बाइडेन प्रशासन के उस कार्यक्रम को झटका देता है, जिसके तहत इन क्षेत्रों से आए आप्रवासियों को कानूनी रूप से अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति थी.
न्यायिक टकराव और आपातकालीन अपील
पिछले महीने बोस्टन के एक संघीय जज ने ट्रंप प्रशासन को इन आप्रवासियों की निर्वासन सुरक्षा और कार्य परमिट तत्काल रद्द करने से रोक दिया था. इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन अपील दायर की, जिसके परिणामस्वरूप कोर्ट ने प्रशासन के पक्ष में फैसला सुनाया.
ट्रंप की निर्वासन नीति
रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान लाखों लोगों को निर्वासित करने का वादा किया था. सत्ता में आने के बाद उन्होंने बाइडेन प्रशासन की उन नीतियों को खत्म करने की कोशिश की, जो आप्रवासियों को अमेरिका में कानूनी रूप से रहने का अवसर देती थीं. अपने राष्ट्रपति बहस के दौरान, ट्रंप ने ओहियो में मानवीय पैरोल कार्यक्रम के तहत कानूनी स्थिति वाले हैती आप्रवासियों के बारे में विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने उन पर पालतू जानवरों को अपहरण करने और खाने जैसे निराधार आरोप लगाए.
आप्रवासियों के भविष्य पर अनिश्चितता
यह फैसला लाखों आप्रवासियों के लिए अनिश्चितता लाता है, जो अब निर्वासन के खतरे का सामना कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले पर चिंता जताई है.