ऑपरेशन शील्ड: जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात...पाकिस्तान से सटे इलाकों में हुई सिविल डिफेंस ड्रिल, हवाई सायरन बजे

Published on: 31 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
गृह मंत्रालयल के निर्देश पर शनिवार को जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और चंडीगढ़ में ऑपरेशन शील्ड नामक सिविल डिफेंस अभ्यास किया गया. ये मॉक ड्रिल संभावित युद्ध या आपदा की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा की तैयारियों को जांचने के लिए की जाती है. अभ्यास के तहत पंजाब के अमृतसर में मॉक ड्रिल के हिस्से के रूप में हवाई सायरन बजाए गए. जम्मू, श्रीनगर के लाल चौक और डोडा सहित अन्य स्थानों पर भी ब्लैकआउट मॉक ड्रिल और सिविल डिफेंस अभ्यास आयोजित किए गए.
ऑपरेशन शील्ड और मॉक ड्रिल
ये अभ्यास 7 मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर के दिन के समान हैं, जब भारत ने पहलगाम में 26 लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. इस बार मॉक ड्रिल पहले 29 मई को होने वाली थी, लेकिन "प्रशासनिक कारणों" से इसे स्थगित कर दिया गया था. अब जम्मू-कश्मीर के अखनूर, श्रीनगर और बारामूला जिलों में ये अभ्यास हो रहे हैं.
#OperationShield
— Information & PR, Udhampur (@dioudhampur) May 31, 2025
District Admin. Udhampur in collaboration with Civil Defence Udhampur conducts the Civil Defence Mock Drill under “Operation Shield” to sensitize the local populace about effective emergency response protocols in case of any unforeseen crisis situation. pic.twitter.com/MB28C4qiv2
पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान में ब्लैकआउट
पंजाब और चंडीगढ़ के कुछ क्षेत्रों में अभ्यास के तहत निश्चित समय के लिए ब्लैकआउट लागू किया जाएगा. राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी ब्लैकआउट का पालन किया गया और मॉक ड्रिल के हिस्से के रूप में हवाई सायरन बजाए गए. इन अभ्यासों का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में नागरिक सुरक्षा और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है.
ऑपरेशन शील्ड का महत्व
ऑपरेशन शील्ड के तहत ये मॉक ड्रिल देश की सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करने का हिस्सा हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अभ्यास आतंकी हमलों और अन्य आपदाओं के प्रति सतर्कता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जम्मू-कश्मीर और पंजाब जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में ये ड्रिल विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं.