'कोलकाता जेल में गंदगी के बीच रह रही शर्मिष्ठा, किडनी स्टोन से जूझ रही', वकील का दावा

Published on: 02 Jun 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
कोलकाता पुलिस द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी वाले वीडियो अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को अलीपुर महिला सुधार गृह में उचित स्वच्छता और मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. उनके वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने सोमवार को दावा किया कि 22 वर्षीय शर्मिष्ठा किडनी स्टोन की बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें समाचार पत्र व पत्रिकाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है.
किडनी स्टोन की समस्या से जूझ रही है शर्मिष्ठा
शर्मिष्ठा के वकील ने कोर्ट में याचिका दायर कर उनके मूल अधिकारों की मांग की है. समीमुद्दीन ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, “शर्मिष्ठा को अलीपुर महिला सुधार गृह में उचित स्वच्छता नहीं मिल रही, और उनकी तबीयत ठीक नहीं है. उन्हें किडनी स्टोन की समस्या है. उन्हें समाचार पत्र और पत्रिकाओं तक पहुंच नहीं दी जा रही. आज हमने कोर्ट में याचिका दायर की है ताकि उन्हें उनके मूल अधिकार मिल सकें... शर्मिष्ठा निर्दोष हैं. हम उनकी जमानत के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं.” उन्होंने आगे कहा, “हम 13 जून से पहले उन्हें जेल से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं. आज हम इस मामले पर चर्चा करेंगे और एक-दो दिन में अगला कदम तय करेंगे.”
कोलकाता पुलिस का पक्ष
कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताने वाले दावों को खारिज किया है. पुलिस ने फेसबुक पर पोस्ट किया, “कोलकाता पुलिस ने कानून के अनुसार कार्रवाई की. आरोपी को देशभक्ति व्यक्त करने या व्यक्तिगत विश्वास के लिए नहीं, बल्कि आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के लिए गिरफ्तार किया गया, जो समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देता है.” पुलिस ने बताया कि शर्मिष्ठा को कई बार BNSS की धारा 35 के तहत नोटिस देने की कोशिश की गई, लेकिन वह हर बार फरार थीं. इसके बाद कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ, और उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर कोलकाता लाया गया.
राजनीतिक विवाद
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने कोलकाता पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की. उन्होंने कहा, “22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली, एक लॉ स्टूडेंट, को एक हटाए गए वीडियो और सार्वजनिक माफी के बावजूद गिरफ्तार किया गया. कोई दंगा नहीं, कोई अशांति नहीं, फिर भी ममता बनर्जी की पुलिस ने रातोंरात कार्रवाई की—न्याय के लिए नहीं, बल्कि तुष्टिकरण के लिए. लेकिन जब टीएमसी नेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं... कोई FIR, कोई गिरफ्तारी, कोई माफी नहीं. यह न्याय नहीं, यह वोट-बैंक की सियासत है.”
कानूनी कार्रवाई और आगे की राह
शर्मिष्ठा के खिलाफ गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में 15 मई को मामला दर्ज किया गया था. उन पर विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, और शांति भंग करने जैसे आरोप हैं. कोलकाता कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी, और वह 13 जून तक न्यायिक हिरासत में हैं.