डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा फैसला: इन 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर रोक, 9 जून से लागू होगा ट्रैवल बैन

Published on: 08 Jun 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जो सोमवार, 9 जून 2025 से प्रभावी होगा. ट्रंप ने इसे “विदेशी आतंकवादियों” से देश की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया. यह आदेश 20 जनवरी को जारी एक कार्यकारी आदेश का हिस्सा है, जिसमें विदेश विभाग, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक को अमेरिका के प्रति “शत्रुतापूर्ण रवैये” वाले देशों की रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया था.
इन देशों पर लगाया बैन
पूर्ण प्रवेश प्रतिबंध वाले देशों में शामिल हैं: अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन. इसके अलावा, सात देशों—बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला—के नागरिकों पर आंशिक प्रवेश प्रतिबंध लागू होंगे.
इन लोगों को मिलेगी बैन से छूट
- इस बैन से कुछ लोग छूट प्राप्त करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- ग्रीन कार्ड धारक (स्थायी निवासी)
- दोहरी नागरिकता वाले व्यक्ति (अमेरिकी नागरिकता के साथ)
- विश्व कप या ओलंपिक जैसे खेल आयोजनों के लिए आने वाले एथलीट और कोच
- अफगान विशेष अप्रवासी वीजा धारक
- उत्पीड़न से भागे ईरानी अल्पसंख्यक
- 15 साल से अधिक समय तक अमेरिकी सरकार के लिए काम करने वाले विदेशी कर्मचारी और उनके परिवार
- पहले से शरणार्थी या आश्रय प्राप्त व्यक्ति
- पारिवारिक वीजा आवेदक
- राजनयिक, सरकारी अधिकारी, यूएन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि
- अमेरिकी नागरिकों द्वारा गोद लिए गए बच्चे
बैन का कारण
ट्रंप ने कहा, “इन देशों में आतंकवादियों की व्यापक मौजूदगी है, वीजा सुरक्षा में सहयोग की कमी, यात्रियों की पहचान सत्यापित करने में असमर्थता, अपराध इतिहास का अपर्याप्त रिकॉर्ड और वीजा अवधि से अधिक रुकने की उच्च दरें हैं.” उन्होंने कोलोराडो के बोल्डर में हाल की घटना का जिक्र किया, जहां एक मिस्र के नागरिक ने इजराइल समर्थक प्रदर्शनकारियों पर पेट्रोल बम फेंका था.
चाड की प्रतिक्रिया
चाड के राष्ट्रपति महमत इदरिस देबी इट्नो ने जवाब में अमेरिकी नागरिकों को वीजा देना बंद करने का निर्देश दिया. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, “चाड के पास न तो देने के लिए विमान हैं और न ही अरबों डॉलर, लेकिन चाड के पास उसकी गरिमा और गर्व है.”