'मुझे 5 बजकर 45 मिनट पर मिली भगदड़ की जानकारी', कर्नाटक CM सिद्धारमैया का दावा

Published on: 08 Jun 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार, 8 जून 2025 को दावा किया कि उन्हें 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ और उसमें हुई मौतों की जानकारी शाम 5:45 बजे मिली. इस हादसे में 11 लोगों की जान गई और 56 से ज्यादा लोग घायल हुए. यह त्रासदी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL 2025 जीत के जश्न के दौरान हुई. सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन पर और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
भगदड़ की जानकारी में देरी
सिद्धारमैया ने बताया कि उन्हें भगदड़ में हुई मौतों की खबर शाम 5:45 बजे मिली, जबकि अस्पतालों में पहली मौत दोपहर 3:50 बजे दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा, "मुझे उस समय तक नहीं पता था कि भगदड़ में लोगों की जान गई है. जैसे ही मुझे जानकारी मिली, मैंने गलती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह चिन्नास्वामी स्टेडियम के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जो शाम 6:10 बजे शुरू हुआ और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इसमें हिस्सा लिया. इससे पहले, वह विधान सौधा में आयोजित एक समारोह में मौजूद थे, जो भगदड़ से पहले खत्म हो चुका था.
सरकार ने नहीं की थी आयोजन की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने खुद को और अपनी सरकार को इस आयोजन से अलग करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) ने आयोजित किया था. उन्होंने बताया, "मुझे केवल निमंत्रण मिला था, जिसके बाद मैं विधान सौधा के कार्यक्रम में शामिल हुआ. स्टेडियम के आयोजन से मेरा कोई लेना-देना नहीं है." सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि डीपीआर सचिव ने उन्हें इस आयोजन की जानकारी दी थी और पुलिस की सहमति के बाद इसे मंजूरी दी गई थी. उन्होंने कहा, "यह एक सामान्य प्रक्रिया थी. KSCA के सचिव और कोषाध्यक्ष ने मुझसे मुलाकात की और मुझे आमंत्रित किया."
सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी
हादसे से एक दिन पहले, विधान सौधा के सुरक्षा अधिकारी एमएन करियासवाना ने एक पत्र लिखकर भीड़ प्रबंधन को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने लिखा, "लाखों लोग विधान सौधा में इकट्ठा होने वाले हैं. सुरक्षा कर्मियों की कमी के कारण व्यवस्था करना मुश्किल होगा." इसके बावजूद, आयोजन को मंजूरी दे दी गई. सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें इस पत्र की जानकारी नहीं थी और न ही उपमुख्यमंत्री या गृह मंत्री को इसकी कोई खबर थी.
BJP का हमला और इस्तीफे की मांग
भाजपा ने इस त्रासदी के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया और सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार और गृह मंत्री जी परमेश्वर के इस्तीफे की मांग की. विपक्ष के नेता आर अशोक और विधायक प्रभु भामला चव्हाण ने विधान सौधा के सामने विरोध प्रदर्शन किया. अशोक ने कहा, "यह सरकार नहीं, तुगलक दरबार है. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को इस्तीफा देना चाहिए." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब भगदड़ में सात-आठ लोगों की मौत हो चुकी थी, तब भी उपमुख्यमंत्री एक अन्य कार्यक्रम में आतिशबाजी देख रहे थे.
भाजपा ने पुलिस आयुक्त बी दयानंद सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निलंबन का भी विरोध किया. अशोक ने कहा, "पुलिस ने परेड की अनुमति नहीं दी थी, फिर भी आयोजन हुआ. पुलिस की कोई गलती नहीं थी." उन्होंने इस घटना को "राज्य प्रायोजित हत्या" करार दिया और कहा कि कांग्रेस नेताओं ने नैतिकता खो दी है.
सिद्धारमैया ने इस हादसे की तुलना प्रयागराज के महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ से की, जहां 50-60 लोगों की मौत हुई थी. उन्होंने कहा, "क्या उस समय भाजपा या कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की थी?" इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "सिद्धारमैया 11 लोगों की मौत को सामान्य बता रहे हैं. यह संवेदनहीनता है."
मुख्यमंत्री ने इस हादसे की जांच के लिए एक मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, जिसे 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. उन्होंने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये और बाद में 25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. साथ ही, घायलों के मुफ्त इलाज का वादा किया गया. RCB ने भी मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की.