'सुअर पर लिपस्टिक लगा दो फिर भी सुअर ही रहेगा', पेंटागन पूर्व अधिकारी ने लादेन से की पाक सेना प्रमुख की तुलना

Published on: 24 Apr 2025 | Author: Gyanendra Sharma
पेंटागन के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर की तुलना ओसामा बिन लादेन से की है. उन पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया. उन्होंने पहलगाम हमले के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका से पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने का आह्वान किया.
रुबिन ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका को जो एकमात्र प्रतिक्रिया करनी चाहिए, वह यह है कि वह पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के रूप में औपचारिक रूप से नामित करे और असीम मुनीर को आतंकवादी के रूप में नामित करे. ओसामा बिन लादेन और असीम मुनीर के बीच एकमात्र अंतर यह है कि ओसामा बिन लादेन एक गुफा में रहता था और असीम मुनीर एक महल में रहता है, लेकिन इसके अलावा, दोनों एक ही हैं, और उनका अंत भी एक ही होना चाहिए.
सुअर पर लिपस्टिक...
रुबिन ने सुअर पर लिपस्टिक फ्रेज का प्रयोग इस बात पर जोर देने के लिए किया कि पहलगाम हमले को एक आकस्मिक घटना के रूप में चित्रित नहीं किया जाना चाहिए. यह चौंकाने वाला था, लेकिन इससे यह पता चलता है कि आप सुअर पर लिपस्टिक लगा सकते हैं, लेकिन वह फिर भी सुअर ही रहेगा. आप यह दिखावा कर सकते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक नहीं है, लेकिन वह आतंकवाद का प्रायोजक बना रहेगा, चाहे हम इसे कितना भी सामान्य बनाने की कोशिश करें. जहां तक समय की बात है, जिस तरह बिल क्लिंटन के भारत दौरे पर आतंकवादी हमला हुआ था , उसी तरह ऐसा लगता है कि पाकिस्तान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा से ध्यान हटाना चाहता है. अमेरिका को पाकिस्तान को ऐसा करने नहीं देना चाहिए और हमें यह दिखावा नहीं करना चाहिए कि यह किसी तरह की अचानक हुई कार्रवाई है.
रुबिन ने 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए हमास हमले की तुलना पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से करते हुए कहा कि दोनों घटनाओं में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया इजरायल में उदारवादी यहूदी और भारत में मध्यम वर्ग के हिंदू. यही बात 7 अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के समय हुई थी. यह हमला विशेष रूप से यहूदियों के खिलाफ था और न केवल यहूदियों के खिलाफ, बल्कि उन सबसे उदार यहूदियों के खिलाफ था, जो गाजा पट्टी के साथ शांति और सामान्य स्थिति चाहते थे.
पहलगाम में आतंकवादियों ने मचाया तांडव
कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में मंगलवार 22 अप्रैल को 26 लोग मारे गए, जो 2019 के बाद से घाटी में सबसे घातक हमला है. यह हमला घाटी के पर्यटन क्षेत्र के केंद्र में है, जो निरंतर विकास दिखा रहा है और इसे सामान्य स्थिति का सबसे महत्वपूर्ण संकेतक माना जा रहा है. बैसरन चीड़ का जंगल, घने चीड़ के जंगल और पहाड़ों से घिरा एक विस्तृत घास का मैदान है. अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकवादी घास के मैदान में घुस आए, जिसे 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहा जाता है, और खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे या पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी.