दशकों से विवाद का कारण रहे गोलान हाइट्स को इजरायल को सौंपने पर राजी हुआ सीरिया, लेकिन रख दीं ये चार बड़ी शर्तें!

Published on: 30 Jun 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
सीरिया ने इजरायल के साथ संभावित शांति समझौते में गोलन हाइट्स की वापसी की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को छोड़ दिया है. इसके बजाय, दमिश्क ने अब नई शर्तें रखी हैं, जिनमें इजरायल द्वारा नई सीरियाई सरकार को मान्यता देना, जनवरी से कब्जाए गए दक्षिणी सीरियाई क्षेत्रों से वापसी, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और अमेरिका का समर्थन शामिल है. यह बदलाव सीरिया की रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ दर्शाता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक नया कदम हो सकता है.
गोलन हाइट्स पर बदला रुख
गोलन हाइट्स, जिसे इजरायल ने 1967 के युद्ध में कब्जा किया था, लंबे समय तक सीरिया और इजरायल के बीच विवाद का केंद्र रहा है. सीरिया ने पहले इस क्षेत्र की वापसी को अपनी प्रमुख मांग के रूप में रखा था, लेकिन अब उसने इस शर्त को हटा दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सीरिया की मौजूदा सरकार की आंतरिक और बाहरी चुनौतियों को देखते हुए व्यावहारिक दृष्टिकोण को दर्शाता है. नई मांगें सीरिया की प्राथमिकताओं को पुनर्जनन और क्षेत्रीय स्थिरता पर केंद्रित करती हैं.
इजरायल और अमेरिका की भूमिका
सीरिया ने इजरायल से नई सरकार को मान्यता देने की मांग की है, जो दमिश्क में हाल के राजनीतिक परिवर्तनों को वैधता प्रदान करेगी. इसके अलावा, जनवरी 2025 से इजरायल द्वारा कब्जाए गए दक्षिणी सीरियाई क्षेत्रों से वापसी और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई है. सीरिया ने अमेरिका से भी समर्थन मांगा है, जो क्षेत्र में शांति प्रक्रिया को गति दे सकता है.
भविष्य की संभावनाएं
सीरिया का यह नया दृष्टिकोण क्षेत्रीय शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है, "सीरिया ने गोलन हाइट्स की मांग छोड़कर कूटनीतिक लचीलापन दिखाया है, जो इजरायल के साथ तनाव कम करने में मदद कर सकता है." हालांकि, इन मांगों पर इजरायल और अमेरिका की प्रतिक्रिया अभी स्पष्ट नहीं है. यह समझौता क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है.