'गलत तरीके से छुआ और...', 17 साल की महिला मुक्केबाज ने कोच पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप, FIR दर्ज

Published on: 30 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Sexual Harassment in BFI: रोहतक में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी में तैनात एक महिला मुक्केबाजी कोच के खिलाफ एक 17 साल की महिला मुक्केबाज ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है. इस मामले में शुक्रवार को कोच के खिलाफ POCSO अधिनियम (बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम) के तहत FIR दर्ज की गई. शिकायत में भारतीय दंड संहिता की धारा 115 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351(3) (आपराधिक धमकी), और POCSO की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) का उल्लेख है.
FIR के मुताबिक, मुक्केबाज की मां ने दावा किया कि आयरलैंड में आयोजित प्रशिक्षण शिविर (24 मार्च-3 अप्रैल) के दौरान कोच ने उनकी बेटी के साथ “शारीरिक यातना” और “यौन शोषण” किया. मां ने अपनी शिकायत में कहा, “उसने उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और उसके साथ छेड़छाड़ की. पहले भी इस कोच का व्यवहार उचित नहीं था और उसने मेरी बेटी को गलत तरीके से छूने की कोशिश की थी, लेकिन मेरी बेटी समझ नहीं पाई और उसे लगा कि यह सामान्य है.”
मुक्केबाज की मां ने कोच पर लगाए संगीन आरोप
शिकायत में बताया गया कि शिविर के दौरान कोच ने मुक्केबाज से वीडियो बनाने को कहा. जब खिलाड़ी ने वीडियो दिखाया, तो कोच ने उसे पूरी टीम के सामने डांटा और पुरुषों के चेंजिंग रूम में फ्रंट रोल करने का आदेश दिया, जिससे उसकी पीठ में चोट लगी. मां ने आगे आरोप लगाया, “मैच के दौरान कोच ने मेरी बेटी को अकेले रिंग में भेजा और कोई अन्य कोच साथ नहीं था. हमारे पास इसका वीडियो फुटेज है.”
अपमान और छेड़छाड़ का आरोप
एफआईआर में वर्णित एक गंभीर घटना के अनुसार, कोच ने मुक्केबाज को हॉल में बुलाकर उसके चरित्र पर सवाल उठाए. शिकायत में कहा गया, “जब मेरी बेटी अपना फोन लाने कमरे में गई, तो कोच ने दरवाजा बंद कर दिया और उसके निजी अंगों को छूने की कोशिश की, यह कहते हुए कि ‘मैं तुम्हें एक अच्छा वीडियो बनाना सिखाऊंगा’.” जब खिलाड़ी ने विरोध किया, तो कोच ने उसे थप्पड़ मारे और एक पत्र लिखने के लिए मजबूर किया, जिसमें यह कहने को कहा गया कि वह “लड़कों से बात करने के लिए दूसरा फोन रखती है.”
बीएफआई की प्रतिक्रिया
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (BFI) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें केवल शारीरिक दुर्व्यवहार की शिकायत मिली थी, यौन उत्पीड़न का कोई उल्लेख नहीं था. हमने तुरंत दो सदस्यीय जांच पैनल बनाया, जिसमें एक वकील भी शामिल था. हमने रोहतक अकादमी का दौरा किया और सभी पक्षों से बातचीत की. हमारी रिपोर्ट SAI को सौंपी गई है.” अधिकारी ने आश्चर्य जताया कि माता-पिता ने यौन उत्पीड़न का मुद्दा पहले क्यों नहीं उठाया.
माता-पिता की शिकायत और मानसिक प्रभाव
मुक्केबाज की मां ने दावा किया कि उनकी बेटी को कोच ने धमकाया और उसका बयान बदलने के लिए मजबूर किया. शिकायत में कहा गया, “मेरी बेटी गहरे अवसाद में है, और हम भी बहुत दुखी हैं.” SAI से इस मामले पर टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया है.