पंजाब ने हरियाणा को 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने का किया विरोध, BBMB बैठक किया बहिष्कार

Published on: 03 May 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
पंजाब सरकार के अधिकारी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की बैठक में भाग नहीं लेंगे. इस बैठक में हरियाणा को दिए जाने वाले अतिरिक्त 4,500 क्यूसेक पानी देने पर निर्णय लिया जाना है. इस बैठक का पंजाब सरकार विरोध कर रही है. क्योंकि यह बैठक 7 दिनों के नोटिस नोटिस नियम का पालन किए बिना बुलाई गई है.
BBMB को पंजाब सरकार ने एक लेटर लिखकर बैठक को स्थगित करने का आग्रह किया. एक अधिकारी ने बताया, "हमने अनुरोध किया है कि बैठक स्थगित कर दी जाए क्योंकि शुक्रवार को पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया है. हमें विशेष सत्र का परिणाम देखना होगा. सर्वदलीय बैठक में हरियाणा को जबरन 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने के बीबीएमबी के निर्णय को अस्वीकार करने का निर्णय लिया गया. हमने कहा है कि विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करना राज्य का अधिकार है. तब तक बैठक स्थगित की जा सकती है."
सूत्रों ने बताया कि अभी तक पंजाब सरकार को BBMB ने पत्र का जवाब नहीं दिया है. पंजाब इस बैठक का बहिष्कार करेगा. सूत्रों ने बताया, " हमने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड को बताया कि सेक्शन 7 के तहत बैठक होने से पहले 7 दिन का वोटिस दिया जाना जरूरी है. इस मीटिंग को एक घंटे पहले नोटिस देकर नहीं बुलाया जा सकता."
शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने हाई लेवल मीटिंग की थी और दोनों राज्यों को BBMB के निर्णय को अमल में लाने को कहा था जिसके तहत अगले 8 दिनों में राज्य को तत्काल पानी की आवश्यकता को देखते हुए 4500 क्यूसेक पानी हरियाणा को देना था. केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों को बीच का रास्ता सुझाया था. जिसके तहत हरियाणा तो पंजाब 8 दिनों के लिए पानी देगा और बाद में जब हरियाणा के बांध फुल हो जाए तो उसे पंजाब से लिए पानी को वापस करना होगा.
इस बैठक में पंजाब के शामिल होने से अंतिम निर्णय न लिए जाने से हरियाणा को पानी नहीं मिल सकेगा. इससे पहले पंजाब ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के फैसे को अस्वीकार कर चुका है.
केंद्रीय गृह सचिव ने शुक्रवार को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से तत्काल प्रभाव से बैठक करके हरियाणा को तत्काल जरूरत के लिए पानी देने को कहा था. हरियाणा के साथ राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी पानी की आवश्यक है जो इसी मीटिंग के बाद ही पंजाब की ओर से छोड़ा जाएगा.