DoT के सख्त नियम, सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस करने से पहले करने होंगे ये जरूरी काम

Published on: 06 May 2025 | Author: Shilpa Srivastava
DoT Tightens Satellite Internet Rules: भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज के आधिकारिक रूप से शुरू होने से पहले, टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने लगभग 30 नए सखत सुरक्षा नियमों की घोषणा की है. ये नियम पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ चल रहे तनाव के चलते देश की सुरक्षा की रक्षा के लिए बनाए गए हैं.
ये नियम एयरटेल वनवेब और जियो एसईएस जैसे मौजूदा लाइसेंस धारकों, अमेजन कुइपर और एलन मस्क के स्टारलिंक जैसे नए आवेदकों दोनों के लिए लागू होते हैं. अगर कोई कंपनी भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज शुरू करना चाहती है तो उसे इन नियमों का पालन करना होगा.
DoT द्वारा बनाए गए जरूर नियम:
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वेबसाइट ब्लॉकिंग और डाटा कलेक्शन: कंपनियों को कानूनी और सुरक्षा कारणों से भारतीय अधिकारियों को कुछ वेबसाइटों को ब्लॉक करने और महत्वपूर्ण डाटा इक्ट्ठा करने की अनुमति देनी चाहिए.
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डिवाइस रजिस्ट्रेशन: केवल रजिस्टर्ड यूजर डिवाइसेज को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल करन की अनुमति दी जाएगी. किसी भी विदेशी डिवाइस को पहले रजिस्ट्रेशन प्रोसेस से गुजरना होगा.
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रीयल-टाइम लोकेशन शेयरिंग: अगर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इसके लिए कहती हैं तो कंपनियों को यूजर डिवाइसेज के लाइव लोकेशन को ट्रैक और शेयर करने में सक्षम होना चाहिए.
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भारत के बाहर कोई डाटा ट्रांसफर नहीं: इंटरनेट प्रोवाइडर्स को भारतीय यूजर्स का डाटा किसी भी विदेश सर्विस पर न भेजने का वादा करना होगा.
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प्रतिबंधित क्षेत्र: अगर कोई यूजर डिवाइस प्रतिबंधित या संवेदनशील क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो उसके गलत इस्तेमाल से बचने के लिए नेटवर्क ऑटोमैटिकली बंद हो जाएगा.
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बॉर्डर एरिया की निगरानी: कंपनियों को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए भारत की सीमाओं के 50 किलोमीटर के अंदर इंटरनेट इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए स्पेशल सिस्टम इंस्टॉल करना होगा.
स्टारलिंक के लॉन्च में हो सकती है देरी:
स्टारलिंक के लॉन्च में देरी हो सकती है. वहीं, जियो और एयरटेल पहले से ही पुराने नियमों का पालन करते हैं. नए नियम जोड़े जाने के साथ, स्टारलिंक को भारत में अपनी सर्विसेज शुरू करने में ज्यादा समय लग सकता है.