महिला कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, ऑफिस के पास मिलेगा किराए पर घर, सरकार ने शुरू की नई योजना

Published on: 11 Jun 2025 | Author: Reepu Kumari
कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी. बिहार सरकार महिलाओं के लिए एक नई योजना लेकर आने वाली है. कामकाजी महिलाओं को उनके ऑफिस के पास किराए पर घर दिए जाएंगे. बिहार सरकार ने महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में एक नई योजना को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत राज्य की महिला कर्मचारियों को उनके ऑफिस के पास घर की सुविधा दी जाएगी.
इस योजना का लाभ महिला शिक्षकों, महिला पुलिसकर्मियों, पंचायत से लेकर सचिवालय में काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों को मिलेगा. यानी कोई भी महिला जो किसी सरकारी विभाग में काम कर रही है और उसे हर दिन ऑफिस आने-जाने में दूरी की वजह से परेशानी होती है, उसके लिए ये योजना वरदान साबित हो सकती है.
आवास कैसे प्राप्त करें?
इसके लिए राज्य सरकार हर जिले में पांच सदस्यीय समिति बनाएगी, जिसके अध्यक्ष जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) होंगे. यह समिति निजी मकानों की पहचान करेगी और जरूरत के हिसाब से मकान मालिकों से लीज एग्रीमेंट किए जाएंगे. इन मकानों का चयन इस तरह से किया जाएगा कि वे महिला कर्मचारियों के कार्यस्थल के नजदीक हों. अगर किसी महिला कर्मचारी को आवास को लेकर कोई परेशानी आती है तो उसका समाधान अनुमंडल स्तर के एसडीओ द्वारा किया जाएगा.
कितनी महिलाओं को लाभ मिलेगा?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में सरकारी विभागों में करीब 3.5 से 4 लाख महिला कर्मचारी कार्यरत हैं. यह योजना इन सभी महिलाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ताकि उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिल सके. राज्य कैबिनेट ने न केवल महिला आवास योजना को बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी है. 8000 से अधिक पंचायतों में 8093 लोअर डिवीजन क्लर्क और 8414 नए रोजगार के अवसरों को मंजूरी दी गई है.
21600 युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 281 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में एक मेगा स्किल सेंटर की स्थापना की जाएगी. पटना के जयप्रकाश नारायण ऑर्थोपेडिक अस्पताल में स्पोर्ट्स इंजरी यूनिट की स्थापना के लिए 36 नए पदों को मंजूरी दी गई है, साथ ही अस्पताल के लिए 267 अन्य पदों का सृजन किया गया है. महिला कर्मचारियों को आवास की सुविधा प्रदान करने की यह पहल सुरक्षा, सुविधा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है.