नशे में टल्ली शख्स ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर किया पथरी का ऑपरेशन, महिला की तड़प-तड़प कर मौत
Published on: 10 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से लापरवाही और हैरान करने वाली मेडिकल अपराध की घटना सामने आई है. यहां एक अवैध क्लिनिक में ऑपरेटर और उसके भतीजे ने यूट्यूब देखकर महिला का ऑपरेशन करने की कोशिश की, जिसमें उसकी मौत हो गई.
महिला पेट में पथरी से संबंधित तकलीफ झेल रही थी. उसके पति ने इलाज की उम्मीद में क्लिनिक का रुख किया, लेकिन नतीजा बेहद दर्दनाक निकला. पुलिस ने क्लिनिक सील कर दी है और दोनों आरोपी फरार हैं.
इलाज के नाम पर धोखा, महिला की जान गई
बाराबंकी के कोठी क्षेत्र में श्री दामोदर औषधालय नाम से चल रहे एक अवैध क्लिनिक में यह घटना हुई. महिला मुनीश्रा रावत को पेट में तेज दर्द था, जिसके बाद उसके पति उसे इलाज के लिए क्लिनिक ले गए. क्लिनिक संचालक ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने बिना किसी जांच के दावा किया कि महिला को पथरी है और तत्काल ऑपरेशन की जरूरत है. पति को 25,000 रुपये का खर्च बताया गया.
यूट्यूब देखकर शुरू किया ऑपरेशन
पति के अनुसार, उन्होंने ऑपरेशन से पहले 20,000 रुपये जमा कराए. आरोप है कि मिश्रा ऑपरेशन के समय नशे में था और उसने प्रक्रिया शुरू करने से पहले यूट्यूब पर एक वीडियो देखा. इसके बाद उसने महिला के पेट में गहरी चीरा लगा दिया, जिससे कई नसें कट गईं. गंभीर रक्तस्राव के कारण महिला की हालत बिगड़ती गई और अगले दिन उसकी मृत्यु हो गई.
भतीजा ‘असिस्टेंट’, क्लिनिक सालों से अवैध
घटना के दौरान मिश्रा का भतीजा विवेक कुमार मिश्रा भी मौजूद था और ऑपरेशन में उसकी मदद कर रहा था. पुलिस जांच में सामने आया कि विवेक रायबरेली के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में कर्मचारी है, और उसकी सरकारी नौकरी की आड़ में कई वर्षों से यह अवैध क्लिनिक संचालित किया जा रहा था. दोनों के पास किसी प्रकार की मेडिकल मान्यता नहीं थी.
क्लिनिक सील, आरोपियों पर गंभीर धाराएं
महिला के पति की शिकायत के बाद पुलिस ने क्लिनिक को तुरंत सील कर दिया. क्लिनिक संचालक और उसके भतीजे के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला दर्ज किया गया है. साथ ही SC/ST एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है, क्योंकि पीड़ित परिवार उस श्रेणी से आता है. पुलिस दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
यूपी में फर्जी क्लिनिकों पर उठे सवाल
यह घटना एक बार फिर यूपी में अवैध क्लिनिकों और झोलाछाप डॉक्टरों पर बड़े सवाल खड़े करती है. इलाज के नाम पर चल रहे ऐसे केंद्र न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि मरीजों की जान सीधे खतरे में डालते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण और कस्बों में ऐसे फर्जी क्लिनिकों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें.