"सुरक्षित रास्ते चुनने वालों का नहीं, जोखिम लेने वालों का है भविष्य": गौतम अडाणी का IIM लखनऊ में जोरदार भाषण

Published on: 07 Aug 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने आज IIM लखनऊ में अपने उद्योगपति बनने की यात्रा पर एक प्रेरणादायक भाषण दिया. उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "भविष्य कभी भी सुरक्षित रास्ते चुनने वालों का नहीं होता. यह उन लोगों का होता है जो संभावनाओं को अधिकतम करते हैं, और संभावनाओं को अधिकतम करने का मतलब है अज्ञात क्षेत्र में कदम रखना."
भारत की बौद्धिक पूंजी की प्रशंसा
अडाणी ने इस संस्थान में बोलने को गर्व का अवसर बताया. उन्होंने कहा, "यह संस्थान भारत की सर्वश्रेष्ठ बौद्धिक पूंजी का प्रतीक है." उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि जब डेटा खत्म हो जाए तो अपने अंतर्ज्ञान पर भरोसा करें. यही वह तरीका है जिससे भविष्य सुरक्षित होता है. न कि कॉरपोरेट्स के जरिए, बल्कि साहस के माध्यम से.
संघर्ष का महत्व
जीवन में संघर्ष के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा माना है कि कुछ भी मूल्यवान हासिल करने के लिए आपको परखा जाएगा." उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "मैं आपको बता सकता हूं कि मेरी हर अर्थपूर्ण यात्रा में ऐसे पल आए जब मेरे संसाधन खत्म हो गए और मेरे समर्थन तंत्र विफल हो गए. केवल एक चीज मेरे साथ हमेशा रही, वह थी मेरे बड़े सपनों के प्रति दृढ़ विश्वास, जो संघर्ष के लायक थे."
VIDEO | Lucknow: Adani Group Chairman Gautam Adani (@gautam_adani) speaks about his entrepreneurial journey at IIM Lucknow.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 7, 2025
He says, “Let me walk you through some of the moments in my life. My entrepreneurship journey began at the age of 16, when I left Ahmedabad and moved to… pic.twitter.com/IIYcvlV3SE
16 साल की उम्र में शुरू हुई उद्यमी यात्रा
अपनी उद्यमी यात्रा को याद करते हुए अडाणी ने बताया, "मेरी उद्यमी यात्रा 16 साल की उम्र में शुरू हुई, जब मैंने अहमदाबाद छोड़कर मुंबई में हीरा व्यापार में काम शुरू किया." उन्होंने कहा, "यह मेरा जोखिम, रिश्तों और वैश्विक नेटवर्क की ताकत से पहला परिचय था."
व्यवसाय दृष्टिकोण का निर्माण
अडाणी ने उस समय को भी याद किया जिसने उनके व्यवसाय दृष्टिकोण को आकार दिया. उन्होंने कहा, "लगभग तीन साल बाद, मुझे अहमदाबाद वापस बुलाया गया ताकि मैं अपने भाई के पॉलिमर कारखाने को संभाल सकूं. वहां मैंने स्केल, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन के महत्व को समझा. इन अनुभवों ने मेरे पूरे व्यवसाय दृष्टिकोण को आकार दिया."