काले रंग की वजह से हुई थी ट्रोल, अब ‘चुड़ैल’ कहने वालों को दिया करारा जवाब

Published on: 08 Jun 2025 | Author: Babli Rautela
Jamie Lever: मशहूर कॉमेडियन और बॉलीवुड एक्टर जॉनी लीवर की बेटी और कॉमेडियन-एक्ट्रेस जेमी लीवर ने हाल ही में अपनी त्वचा के रंग को लेकर ट्रोलिंग पर खुलकर बात की है. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें ‘चुड़ैल’ और ‘बदसूरत’ जैसे ताने सुनने पड़े और ‘गोरा बनने’ की सलाह दी गई है. उनकी यह कहानी न केवल रंगभेद की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है, बल्कि आत्म-स्वीकृति की प्रेरणा भी देती है.
जेमी ने हाउटरफ्लाई के साथ पॉडकास्ट में अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा, 'मुझे लोग कहते थे कि मैं काली हूं, चुड़ैल लगती हूं, मेरी हंसी अजीब है. कुछ ने तो कहा कि मेरे लुक्स की वजह से मुझे इंडस्ट्री में काम नहीं मिलेगा. कुछ ने यहां तक कहा कि मैं मर क्यों नहीं जाती.' ये ताने उनके लिए नए नहीं थे. जेमी ने बताया कि बड़े होने के दौरान उन्हें हमेशा रंगभेद का सामना करना पड़ा. लोग उन्हें उबटन और हल्दी मास्क लगाने की सलाह देते थे ताकि वह ‘गोरी’ हो सकें. उन्होंने जोर देकर कहा, 'रंगभेद हमारे देश में बहुत बड़ी समस्या है,'.
त्वचा के रंग को लेकर ट्रोल हुई जेमी लीवर
जेमी ने अपनी शारीरिक बनावट को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया कि बचपन में वह मोटी और सुडौल थीं, जिसके कारण उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती थी. अपने अनुभव के बारे में खुलकर बात करते हुए एक्ट्रेस ने कहा, 'लोग मेरे कूल्हों पर टिप्पणी करते थे. मेरे परिवार ने भी कहा कि इन्हें ढककर रखो. मेरे पास लंबे कुर्ते और कपड़ों का ही वॉर्डरोब था,'. जेमी ने बताया कि उन्हें अपने कर्व्स को स्वीकार करने में सालों लग गए. वह अब अपने शरीर को लेकर आत्मविश्वास महसूस करती हैं और इसे खूबसूरत मानती हैं.
कास्टिंग काउच का दर्दनाक अनुभव
जेमी ने हाल ही में एक दूसरे पॉडकास्ट में कास्टिंग काउच के अपने अनुभव का जिक्र किया. एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के लिए ऑडिशन के दौरान उनसे कपड़े उतारने की मांग की गई थी. जेमी ने बताया कि यह अनुभव डरावना था. एक को-ऑर्डिनेटर ने उन्हें व्हाट्सएप पर ऑडिशन के लिए संपर्क किया और जूम कॉल पर कैरेक्टर डिस्क्रिप्शन दी, जो उनके लिए बिल्कुल फिट थी. लेकिन कॉल के दौरान सामने वाले ने कैमरा बंद रखा, जिससे उन्हें शक हुआ. जेमी ने साफ मना कर दिया और कॉल काट दी. उन्होंने कहा, 'इंडस्ट्री में नए लोगों को ऐसे दबाव का सामना करना पड़ता है'.