लोक नर्तक रामसहाय पांडे के निधन से मध्यप्रदेश में शोक की लहर, राई नृत्य को दूनिया भर में दिलाई विशिष्ट पहचान

Published on: 08 Apr 2025 | Author: Princy Sharma
Ram Sahay Panday: लोक नृत्य कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित राम सहाय पांडे का मंगलवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह 92 वर्ष के थे. पारिवारिक सूत्रों ने उनके निधन की जानकारी दी है. लंबी बीमारी से जूझने के बाद, मध्य प्रदेश के सागर के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार कनेरा देव गांव में किया जाएगा, जहां उनकी यात्रा को विराम दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि पांडे के 'लोक कला के प्रति आजीवन समर्पण ने राई नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाई'. 11 मार्च, 1933 को सागर जिले के मडहर पाठा गांव में जन्मे पांडे को 14 साल की उम्र में एक स्थानीय मेले के दौरान राई (जिसे राई भी कहते हैं) नृत्य के प्रति अपने प्यार का एहसास हुआ.
बुंदेलखंड के गौरव, लोकनृत्य राई को वैश्विक पहचान दिलाने वाले लोक कलाकार पद्मश्री श्री रामसहाय पांडे जी का निधन मध्यप्रदेश और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) April 8, 2025
लोक कला एवं संस्कृति को समर्पित आपका सम्पूर्ण जीवन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि… pic.twitter.com/rzu9Lg1blL
चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार
बुंदेलखंड के कलाकार ने मृदंग की धुनों के साथ राई लोक नृत्य को 60 वर्षों तक लोकप्रिय बनाया. सूत्रों के अनुसार सागर जिले के निवासी राम सहाय ने 18 देशों में 100 से अधिक प्रस्तुतियां दी थीं. कलाकार को 2022 में देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म श्री मिला.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जताया दुख
उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनके निधन पर दुख जताया. सीएम ने कहा कि राम सहाय ने विपरीत परिस्थितियों में कला के क्षेत्र को अपनाया और धारा के विपरीत अपने जुनून का पालन करते हुए कई उपलब्धियां हासिल कीं. सीएम ने कहा कि बुंदेलखंड के राई लोक नृत्य को भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी पहचान मिली.