पीरियड्स में बढ़ जाती है मीठा खाने की तलब, इसके पीछे शरीर का यह खास संकेत
Published on: 09 Dec 2025 | Author: Reepu Kumari
नई दिल्ली: अगर पीरियड्स के दिनों में आपको चॉकलेट, मिठाई या शुगर से भरपूर चीजें खाने का मन ज्यादा करता है, तो आप अकेली नहीं हैं. ज्यादातर महिलाओं को इस दौरान खाने की आदतों में बदलाव महसूस होता है. कभी ज्यादा भूख लगना, कभी खासतौर पर मीठा खाने की चाह होना, यह सब शरीर में हो रहे जैविक बदलावों की वजह से होता है.
पीरियड्स केवल शारीरिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका सीधा असर हार्मोन, दिमाग और भावनाओं पर भी पड़ता है. जैसे-जैसे पीरियड्स नजदीक आते हैं, शरीर कुछ खास संकेत देता है. मीठा खाने की क्रेविंग भी इन्हीं संकेतों में से एक है, जिसे समझना जरूरी है ताकि खानपान को संतुलित रखा जा सके.
एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरना
पीरियड्स से पहले और दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरता है और प्रोजेस्टेरोन बढ़ता है. इस बदलाव से दिमाग में सेरोटोनिन नामक हार्मोन कम हो जाता है, जो मूड को बेहतर रखने में मदद करता है. मीठा खाने से सेरोटोनिन अस्थायी रूप से बढ़ता है, इसलिए शरीर खुद-ब-खुद शुगर की ओर आकर्षित होने लगता है.
ब्लड शुगर लेवल गिरना
इस दौरान ब्लड शुगर लेवल भी जल्दी गिरता है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस होती है. शरीर तेजी से ऊर्जा चाहता है और शुगर सबसे आसान एनर्जी सोर्स होती है. यही कारण है कि पीरियड्स में मीठी चीजें खाने की इच्छा ज्यादा तेज हो जाती है और इसे नजरअंदाज करना मुश्किल लगता है.
आयरन और मैग्नीशियम की कमी
कुछ महिलाओं में पीरियड्स के समय आयरन और मैग्नीशियम की कमी भी देखी जाती है. मैग्नीशियम की कमी खासतौर पर चॉकलेट की क्रेविंग से जुड़ी मानी जाती है. शरीर पोषक तत्वों की कमी पूरी करने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों की मांग करता है, जो तुरंत सुकून और ऊर्जा दें.
चिड़चिड़ापन, तनाव और उदासी
भावनात्मक बदलाव भी मीठा खाने की चाह को बढ़ाते हैं. पीरियड्स में चिड़चिड़ापन, तनाव और उदासी सामान्य है. मीठा खाने से दिमाग को कुछ समय के लिए आराम मिलता है, जिससे मूड थोड़ा बेहतर महसूस होता है. इसी वजह से इसे कई महिलाएं भावनात्मक राहत की तरह लेती हैं.
डार्क चॉकलेट या गुड़
हालांकि ज्यादा शुगर लेना नुकसानदेह हो सकता है, लेकिन पूरी तरह रोकना भी जरूरी नहीं. इस दौरान फलों, डार्क चॉकलेट या गुड़ जैसे हेल्दी विकल्प बेहतर रहते हैं. संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पीने से क्रेविंग को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.