हिजाब वीडियो विवाद: CM नीतीश के बचाव में आईं अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री जामा खान ने दिया अजीब तर्क, विपक्ष पर की ये टिप्पणी
Published on: 16 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
पटना: बिहार की राजनीति उस समय गरमा गई जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान एक महिला डॉक्टर का हिजाब हटाते दिखे.
घटना को लेकर जहां विपक्ष ने इसे महिला सम्मान से जुड़ा गंभीर मामला बताया, वहीं सरकार के सहयोगी दलों ने मुख्यमंत्री का बचाव किया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जामा खान ने इसे एक पिता जैसा भाव बताया, लेकिन विवाद लगातार गहराता जा रहा है.
क्या है पूरा मामला
यह घटना सोमवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई, जहां 1,283 नव-नियुक्त आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे. इसी दौरान नुसरत परवीन नाम की महिला डॉक्टर मंच पर आईं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके चेहरे पर पड़े घूंघट की ओर इशारा करते हुए कहा, 'ये क्या है?' और हिजाब नीचे कर दिया.
मंत्री जामा खान का बचाव
इस मामले पर बिहार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जामा खान सामने आए और मुख्यमंत्री का बचाव किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उम्र में उस महिला डॉक्टर के पिता से भी बड़े हो सकते हैं. उनके अनुसार यह कोई दुर्भावना नहीं, बल्कि पितृस्नेह का भाव था, जिसे गलत नजरिए से देखा जा रहा है.
सरकार ने रखा अपना पक्ष
जामा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री का उद्देश्य यह दिखाना था कि अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाएं भी आगे बढ़ रही हैं और सरकारी सेवाओं में अपनी जगह बना रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल जानबूझकर इस मुद्दे को तूल देकर महिला डॉक्टर को भी असहज स्थिति में डाल रहे हैं.
विपक्ष का तीखा हमला
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को 'शर्मनाक' करार देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की है. पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि अगर राज्य का सर्वोच्च पद संभालने वाला व्यक्ति सार्वजनिक मंच पर इस तरह का व्यवहार करता है, तो राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं.
राजनीतिक और प्रशासनिक असर
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल ही में एनडीए को विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत मिली थी. वहीं, विपक्ष ने इस घटना को नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति से भी जोड़ने की कोशिश की है. प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई औपचारिक सफाई नहीं दी गई है, लेकिन मामला बिहार की राजनीति में लंबे समय तक चर्चा में रहने के संकेत दे रहा है.