'COVID वैक्सीन का अचानक हार्ट अटैक से कोई संबंध नहीं” सिद्धारमैया के आरोपों का AIIMS ने किया खंडन

Published on: 03 Jul 2025 | Author: Kuldeep Sharma
हैस्सान जिले में हाल ही में हुई अज्ञात कारणों से दर्जनों अचानक हृदयाघात से मौतों को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने COVID-19 टीकाकरण कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने वैक्सीन को जल्दबाज़ी में मंजूरी दिए जाने का आरोप भी लगाया.0 इस बयान के बाद केंद्र सरकार, AIIMS, बायोकॉन और सीरम इंस्टीट्यूट ने मिलकर विभिन्न अध्ययनों और विशेषज्ञों के हवाले से वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर शंका को खारिज किया है.
AIIMS दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एवं स्लीप मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. करण मदान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हैस्सान जिले में अचानक हृदयाघात से मौतों पर किए अध्ययन में COVID-19 वैक्सीन का कोई सीधा असर नहीं पाया गया. उन्होंने बताया, “टीकों ने महामारी के दौरान मृत्यु दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. टीके बड़े पैमाने पर लगाए गए और इन्होंने अतिरिक्त मौतों को रोकने में अमूल्य योगदान दिया. अध्ययन में देखा गया कि अचानक दिल का दौरा पड़ने वाली घटनाओं में वैक्सीन की कोई भूमिका नहीं थी.”
किरण माज़ूमदार-शॉ ने किया खंडन
बायोकॉन की कार्यकारी चेयरपर्सन किरण माज़ूमदार-शॉ ने इस दावे को “तथ्यों के खिलाफ” और गलत सूचना फैलाने वाला” बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत में विकसित COVID-19 वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन के तहत कड़े वैश्विक सुरक्षा मानकों के साथ अनुमोदित किया गया था. उन्होंने बताया कि, “इन टीकों ने लाखों जिंदगियां बचाई हैं, इनकी सुरक्षा और प्रभावकारिता वैज्ञानिक रिसर्च पर आधारित है. इन पर ‘जल्दबाज़ी में मंजूरी’ का आरोप पूरी तरह गलत है.”
#WATCH | Delhi: Dr Karan Madan, Associate Professor, Department of Pulmonary, Critical Care and Sleep Medicine, AIIMS Delhi, says "COVID vaccines were effective vaccines and they played a crucial role in reducing the mortality. During the pandemic, vaccines are the only possible… pic.twitter.com/N2HBxZKnkU
— ANI (@ANI) July 3, 2025
सीरम इंस्टीट्यूट का बयान
कोविशील्ड निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (SII) ने भी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रकाशित ICMR और AIIMS के दो बड़े पैमाने पर किए गए अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि “COVID-19 वैक्सीन और अचानक मौतों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया.” SII ने जारी बयान में लिखा, “स्वास्थ्य मंत्रालय के अध्ययनों ने स्पष्ट किया है कि टीके पूरी तरह सुरक्षित हैं और इन्हें व्यापक वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद ही मंजूरी दी गई. यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सार्वजनिक चर्चा विज्ञान-आधारित हो.”